भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 128 | Indian Contract Act Section 128

भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-128) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 128 के अनुसार मूलऋणी के फायदे के लिए की गई कोई भी बात या दिया गया कोई वचन प्रतिभू द्वारा प्रत्याभूति दिए जाने का पर्याप्त प्रतिफल हो सकेगा, जिसे IC Act Section-128 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 128 (Indian Contract Act Section-128) का विवरण

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 128 IC Act Section-128 के अनुसार मूलऋणी के फायदे के लिए की गई कोई भी बात या दिया गया कोई वचन प्रतिभू द्वारा प्रत्याभूति दिए जाने का पर्याप्त प्रतिफल हो सकेगा।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 128 (IC Act Section-128 in Hindi)

प्रतिभू का दायित्व-

प्रतिभू का दायित्व मूलऋणी के दायित्व के समविस्तीर्ण है जब तक कि संविदा द्वारा अन्यथा उपबंधित न हो।
दृष्टांत
ख को क एक विनिमय-पत्र के प्रतिगृहीता ग द्वारा संदाय की प्रत्याभूति देता है । विनिमय-पत्र ग द्वारा अनादृत किया जाता है। क न केवल उस विनिमय-पत्र की रकम के लिए, बल्कि उन ब्याज और प्रभारों के लिए भी, जो उस पर शोध्य हो गए हों, दायी है।

Indian Contract Act Section-128 (IC Act Section-128 in English)

Surety’s liability-

The liability of the surety is co- extensive with that of the principal debtor, unless it is otherwise provided by the contract.
Illustration
A guarantees to B the payment of a bill of exchange by C, the acceptor. The bill is dishonoured by C. A is liable, not only for the amount of the bill, but also for any interest and charges which may have become due on it.

हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 128 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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