कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-16 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 16 के अनुसार यदि, कोई कंपनी, अनवधानता से या अन्यथा, अपने पहले रजिस्ट्रीकरण पर या नए नाम में अपने रजिस्ट्रीकरण पर, ऐसे नाम से रजिस्ट्रीकृत की जाती है, जिसे Companies Act Section-16 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
IMPORTANT HIGHLIGHT
कंपनी अधिनियम की धारा 16 (Companies Act Section-16) का विवरण
कंपनी अधिनियम की धारा 16 Companies Act Section-16 के अनुसार यदि, कोई कंपनी, अनवधानता से या अन्यथा, अपने पहले रजिस्ट्रीकरण पर या नए नाम में अपने रजिस्ट्रीकरण पर, ऐसे नाम से रजिस्ट्रीकृत की जाती है।
कंपनी अधिनियम की धारा 16 (Companies Act Section-16 in Hindi)
कंपनी के नाम का परिशोधन–
(1) यदि, कोई कंपनी, अनवधानता से या अन्यथा, अपने पहले रजिस्ट्रीकरण पर या नए नाम में अपने रजिस्ट्रीकरण पर, ऐसे नाम से रजिस्ट्रीकृत की जाती है जो,
(क) केन्द्रीय सरकार की राय में, ऐसे नाम के समान है या उसके अतिसदृश है, जिसके द्वारा किसी विद्यमान कंपनी को, चाहे इस अधिनियम या किसी पूर्व कंपनी विधि के अधीन, पहले से रजिस्ट्रीकृत किया गया है, तो वह कंपनी को अपने नाम में परिवर्तन करने का निदेश दे सकेगी और कंपनी, ऐसा निदेश जारी किए जाने से तीन मास की अवधि के भीतर उस प्रयोजन के लिए किसी साधारण संकल्प को अंगीकार करने के पश्चात, यथास्थिति, अपने नाम में या नए नाम में परिवर्तन करेगी;
(ख) किसी व्यापार चिह्न के किसी रजिस्ट्रीकृत स्वत्वधारी द्वारा, चाहे इस अधिनियम या किसी पूर्व कंपनी विधि के अधीन, कंपनी के निगमन या रजिस्ट्रीकरण या नाम के परिवर्तन के तीन वर्ष के भीतर केन्द्रीय सरकार को किए गए किसी ऐसे आवेदन पर कि नाम, व्यापार चिह्न अधिनियम, 1999 के अधीन ऐसे स्वत्वधारी के किसी रजिस्ट्रीकृत व्यापार चिह्न के समान है या उसके अतिसदृश है, केन्द्रीय सरकार की यह राय है कि यह किसी विद्यमान व्यापार चिह्न के समान है या उसके अतिसदृश है तो वह कंपनी को अपने नाम में परिवर्तन करने का निदेश दे सकेगी और कंपनी ऐसे निदेश के जारी किए जाने के छह मास की अवधि के भीतर उस प्रयोजन के लिए किसी साधारण संकल्प को अंगीकार करने के पश्चात, यथास्थिति, अपने नाम में या नए नाम में परिवर्तन करेगी।
(2) जहां, कोई कंपनी उपधारा (1) के अधीन अपने नाम में परिवर्तन करती है या नया नाम अभिप्राप्त करती है, वहां वह, ऐसे परिवर्तन की तारीख से पंद्रह दिन की अवधि के भीतर केन्द्रीय सरकार के आदेश के साथ, रजिस्ट्रार को ऐसे परिवर्तन की सूचना देगी, जो निगमन प्रमाणपत्र और ज्ञापन में आवश्यक परिवर्तन करेगा ।
(3) यदि कोई कंपनी उपधारा (1) के अधीन दिए गए किसी निदेश का अनुपालन करने में व्यतिक्रम करेगी, तो कंपनी ऐसे प्रत्येक दिन के लिए, जिसके दौरान व्यतिक्रम जारी रहता है, एक हजार रुपए के जुर्माने से दंडनीय होगी और प्रत्येक अधिकारी, जो व्यतिक्रमी है, जुर्माने से, जो पांच हजार रुपए से कम का नहीं होगा, किंतु जो एक लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा।
Companies Act Section-16 (Company Act Section-16 in English)
Rectification of name of company–
(1) If, through inadvertence or otherwise, a company on its first registration or on its registration by a new name, is registered by a name which,—
(a) in the opinion of the Central Government, is identical with or too nearly resembles the name by which a company in existence had been previously registered, whether under this Act or any previous company law, it may direct the company to change its name and the company shall change its name or new name, as the case may be, within a period of three months from the issue of such direction, after adopting an ordinary resolution for the purpose;
(b) on an application by a registered proprietor of a trademark that the name is identical with or too nearly resembles a registered trademark of such proprietor under the Trade Marks Act, 1999, made to the Central Government within three years of incorporation or registration or change of name of the company, whether under this Act or any previous company law, in the opinion of the Central Government, is identical with or too nearly resembles an existing trade mark, it may direct the company to change its name and the company shall change its name or new name, as the case may be, within a period of six months from the issue of such direction, after adopting an ordinary resolution for the purpose.
(2) Where a company changes its name or obtains a new name under sub-section (1), it shall within a period of fifteen days from the date of such change, give notice of the change to the Registrar along with the order of the Central Government, who shall carry out necessary changes in the certificate of incorporation and the memorandum.
(3) If a company makes default in complying with any direction given under sub-section (1), the company shall be punishable with fine of one thousand rupees for every day during which the default continues and every officer who is in default shall be punishable with fine which shall not be less than five thousand rupees but which may extend to one lakh rupees.
हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 16 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।