भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 हिन्दी मे (BNS Act Section-163 in Hindi) –
अध्याय VIII
163. किसी व्यापारिक जलयान का मास्टर या भारसाधक व्यक्ति, जिस पर भारत सरकार की सेना, नौसेना या वायुसेना का कोई भगोड़ा छिपा हो, यद्यपि उसे ऐसे भगोड़े के बारे में जानकारी न हो, तीन हजार रुपए से अधिक की शास्ति का भागी नहीं होगा, यदि उसे ऐसे भगोड़े के बारे में जानकारी होती, परंतु वह मास्टर या भारसाधक व्यक्ति के रूप में अपने कर्तव्य की उपेक्षा के कारण या जलयान पर अनुशासन की कमी के कारण ऐसा नहीं हुआ होता।
सेना, नौसेना और वायु सेना से संबंधित अपराध।
163. मालिक की लापरवाही के कारण व्यापारी
जहाज पर भगोड़ा छिपा हुआ था।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 163 in English (BNS Act Section-163 in English) –
Chapter VIII
163. The master or person in charge of a merchant vessel, on board of which any deserter from the Army, Navy or Air Force of the Government of India is concealed, shall, though ignorant of such concealment, be liable to a penalty not exceeding three thousand rupees, if he might have known of such concealment but for some neglect of his duty as such master or person in charge, or but for some want of discipline on board of the vessel.
Of Offences Relating to the Army,
Navy and Air Force.
163. Deserter concealed on board merchant
vessel through negligence of master.