भारतीय न्याय संहिता की धारा 189 हिन्दी मे (BNS Act Section-189 in Hindi) –
अध्याय XI
189. (1) जब कभी किसी विधिविरुद्ध जनसमूह या उसके किसी सदस्य द्वारा ऐसे जनसमूह के सामान्य उद्देश्य की पूर्ति के लिए बल या हिंसा का प्रयोग किया जाता है, तो ऐसे जनसमूह का प्रत्येक सदस्य दंगा करने के अपराध का दोषी होगा।
सार्वजनिक शांति के विरुद्ध अपराध।
189. दंगे
(2) जो कोई दंगा करने का दोषी होगा, उसे दो वर्ष तक की अवधि के कारावास या जुर्माने या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
(3) जो कोई घातक हथियार या किसी ऐसी चीज से सज्जित होकर दंगा करने का दोषी होगा, जिसका प्रयोग अपराध के हथियार के रूप में करने से मृत्यु होने की संभावना हो, उसे पांच वर्ष तक की अवधि के कारावास या जुर्माने या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 189 in English (BNS Act Section-189 in English) –
Chapter XI
189. (1) Whenever force or violence is used by an unlawful assembly, or by any member thereof, in prosecution of the common object of such assembly, every member of such assembly is guilty of the offence of rioting.
Of Offences Against the Public Tranquillity.
189. Rioting
(2) Whoever is guilty of rioting, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, or with fine, or with both.
(3) Whoever is guilty of rioting, being armed with a deadly weapon or with anything which, used as a weapon of offence, is likely to cause death, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to five years, or with fine, or with both.