भारतीय न्याय संहिता की धारा 193 हिन्दी मे (BNS Act Section-193 in Hindi) –
अध्याय XI
193. (1) जो कोई किसी लोक सेवक पर हमला करेगा या बाधा डालेगा या किसी लोक सेवक पर किसी विधिविरुद्ध जमाव को तितर-बितर करने या दंगा या दंगा दबाने के प्रयास में उसके कर्तव्य के निर्वहन में आपराधिक बल का प्रयोग करेगा, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से, जो तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पच्चीस हजार रुपए से कम नहीं होगा, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।
सार्वजनिक शांति के विरुद्ध अपराध।
193. दंगा आदि को दबाते समय लोक सेवक पर
हमला करना या उसके काम में बाधा डालना।
(2) जो कोई किसी लोक सेवक पर हमला करने की धमकी देगा या बाधा डालने का प्रयास करेगा या किसी लोक सेवक को किसी विधिविरुद्ध जमाव को तितर-बितर करने या दंगा या दंगा दबाने के प्रयास में उसके कर्तव्य के निर्वहन में आपराधिक बल का प्रयोग करने की धमकी देगा या धमकी देगा या प्रयास करेगा, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से, जो एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 193 in English (BNS Act Section-193 in English) –
Chapter XI
193. (1) Whoever assaults or obstructs any public servant or uses criminal force on any public servant in the discharge of his duty in endeavouring to disperse an unlawful assembly, or to suppress a riot or affray, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years, or with fine which shall not be less than twenty-five thousand rupees, or with both.
Of Offences Against the Public Tranquillity.
193. Assaulting or obstructing public servant
when suppressing riot, etc.
(2) Whoever threatens to assault or attempts to obstruct any public servant or threaten or attempts to use criminal force to any public servant in the discharge of his duty in endeavouring to disperse an unlawful assembly, or to suppress a riot or affray, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to one year, or with fine, or with both.