भारतीय न्याय संहिता की धारा 313 | Bharatiya Nyaya Sanhita Section 313

भारतीय न्याय संहिता की धारा 313 हिन्दी मे (BNS Act Section-313 in Hindi) –

अध्याय XVII
संपत्ति के आपराधिक दुर्विनियोजन
के संबंध में।
313. मृत व्यक्ति की मृत्यु के समय उसके कब्जे
में मौजूद संपत्ति का बेईमानी से गबन।

313. जो कोई किसी संपत्ति का बेईमानी से गबन करता है या उसे अपने उपयोग में लाता है, यह जानते हुए कि ऐसी संपत्ति उस व्यक्ति की मृत्यु के समय किसी मृत व्यक्ति के कब्जे में थी और उसके बाद से ऐसे किसी व्यक्ति के कब्जे में नहीं रही है जो ऐसे कब्जे का कानूनी रूप से हकदार है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा और यदि अपराधी ऐसे व्यक्ति की मृत्यु के समय उसके द्वारा क्लर्क या नौकर के रूप में नियोजित था, तो कारावास की अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी।
उदाहरण- य की मृत्यु फर्नीचर और धन के कब्जे में रहते हुए होती है। उसका नौकर क, धन के ऐसे कब्जे के हकदार किसी व्यक्ति के कब्जे में आने से पहले, बेईमानी से उसका गबन कर लेता है। क ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है।

Bharatiya Nyaya Sanhita Section 313 in English (BNS Act Section-313 in English) –

Chapter XVII
Of Criminal misappropriation
of property.
313. Dishonest misappropriation of property possessed
by deceased person at the time of his death.

313. Whoever dishonestly misappropriates or converts to his own use any property, knowing that such property was in the possession of a deceased person at the time of that person’s decease, and has not since been in the possession of any person legally entitled to such possession, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years, and shall also be liable to fine, and if the offender at the time of such person’s decease was employed by him as a clerk or servant, the imprisonment may extend to seven years.
Illustration.
Z dies in possession of furniture and money. His servant A, before the money comes into the possession of any person entitled to such possession, dishonestly misappropriates it. A has committed the offence defined in this section.