डायरेक्ट टैक्स (इनकम टैक्स) संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां एवंम् टैक्स बचाव संबंधी सुझाव। (Important information related to Direct Tax (Income Tax) and tax avoidance tips.)

वैसे साधारण भाषा में डायरेक्ट टैक्स (प्रत्यक्ष कर) वह टैक्स होता है, जो कोई व्यक्ति अथवा संगठन द्वारा सीधे सरकार को चुकाया जाए Direct Tax के अंतर्गत आता है। आज हम डायरेक्ट टैक्स अर्थात् इनकम टैक्स संबंधी छूट, टैक्स सेविंग, आयकर रिटर्न एवंम् आयकर गणना जैसे समस्त बिंदुओं पर चर्चा करेंगे।

इनकम टैक्स क्या है? (What is Income Tax?)

आयकर एक व्यक्ति की अर्जित वार्षिक आय पर लगाया जाने वाला कर है। एक वित्तीय वर्ष में आय के रूप में कितना पैसा कमाया हैं। जिसके आधार पर ही व्यक्ति आयकर भुगतान, टीडीएस/टीसीएस भुगतान और गैर-टीडीएस/टीसीएस भुगतान ऑनलाइन या ऑफलाइन करा सकते है। सभी आयकर दाताओं को यह भुगतान करने के लिए प्रासंगिक विवरण भरना होगा। जिसे आयकर विवरणी कहते है। आयकर सभी भारतीय जो हिन्दुस्तान मे रहते है उन पर लागू होती है।

इनकम टैक्स रिटर्न संबंधी जानकारी

वैसे आज के तौर में इनकम टैक्स रिटर्न बहुत से लोग भरने लगे हैं, जिसमे अधिकतर् रिटर्न टैक्स लिमिट के अंदर ही होते है। देखा जाए तो अधिकतर् लोग रिटर्न सिर्फ इसलिए फाइल कराते है, कि वह कल को आवश्यक होने पर किसी बैंक में आसानी से लोन से सके। ऐसा करने के लिए सबसे ज्यादा जोर बैंक द्वारा ही दिया जाता है। निम्नलिखित लेख में हम उस टैक्स पर चर्चा करेंगे जिनका भुगतान एक भारतीय नागरिक द्वारा किया जाता है, जिसे हम Income Tax (आयकर) कहते है, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने पहले हम हमे यह जाना बहुत आवश्यक है, कि क्या क्या लाभ और छूट किस किस रूप में मिल सकते है।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कराने से आपकी आय पूर्णतया वर्जित मानी जाएगी, यदि आयकर रिटर्न भरेंगे तो कभी भी भविष्य में आपको लोन लेने की आवश्यकता पड़ती है, तो आपको आयकर रिटर्न से सहायक होगी, इस तरह से ऐसे कई लाभ भी प्राप्त होंगे, जिनके बारे में आपने सोचा भी नही होगा।

वित्तीय वर्ष 2020-21 में सभी आयकर दाता अपनी रिटर्न भर सकेंगे, जिनकी आय यदि 5,00,000.00 से एक रुपए भी अधिक है, तो भरनी आवश्यक होगी। अन्यथा इससे अधिक आय प्राप्त हुई की जानकारी इनकम टैक्स पोर्टल पर प्रदर्शित हो रही है, तो इनकम टैक्स विभाग आयकरदाता की आय के आधार पर पेनल्टी एवंम् टैक्स ब्याज सहित देय होगा।

वह व्यक्ति जिनकी आयु 60 वर्ष से कम है आय की गणना-

वैसे यह जानकारी हममे से बहुत से लोगो को नही पता होगा कि इनकम टैक्स 5 Lac तक करमुक्त है अर्थात् कोई टैक्स नही देय होगा और यदि इनकम सभी छूट क्लेम करने के पश्चात् यदि 5 Lac से अधिक होती है, Individual व्यक्ति जो 60 वर्ष के अन्दर है तो व्यक्ति की आय 2.5 Lac टैक्स फ्री रहेगी, लेकिन 2,50,001 से बाकी आय कर योग्य होगी। जिस पर आय अनुसार टैक्सरेट के अनुरूप आय टैक्स Income Tax देय होगा।

वह व्यक्ति जिनकी आयु 80 वर्ष से कम है आय की गणना-

जो व्यक्ति 60 वर्ष से अधिक है एवंम् 80 वर्ष से कम है उसे हम वरिष्ठ नागरिक (Senior Citizen) की श्रेणी मे आते है। इसी तरह से यदि कोई व्यक्ति 80 वर्ष से कम है, तो उस व्यक्ति की आय 3 Lac टैक्स फ्री रहेगी, लेकिन 3,00,001 से बाकी आय कर योग्य होगी और नीचे दिये गये टैक्स दर के हिसाब से लागू होगी ।

वह व्यक्ति जिनकी आयु 80 वर्ष से अधिक है आय की गणना-

जो व्यक्ति 80 वर्ष से अधिक है, उसे हम सुपर वरिष्ठ नागरिक (Super Senior Citizen) की श्रेणी मे आते है। इसी तरह से यदि कोई व्यक्ति 80 वर्ष से अधिक है, तो उस व्यक्ति की आय 5 Lac टैक्स फ्री रहेगी, लेकिन 5,00,001 से बाकी आय कर योग्य होगी और नीचे दिये गये टैक्स दर के हिसाब से लागू होगी । इसके अतिरिक्त अब नये नियम के अनुसार यदि कोई 80 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति को रिर्टन भरने की अवश्यकता नही होगी, बशर्ते व्यक्ति की आय पेशंन एवंम् बैंक ब्याज से हो, इसके अलावा व्यक्ति की आय टैक्स लिमिट के अन्दर होनी चाहिये।

व्यक्ति की उम्र के आधार पर, निवासी व्यक्तिगत करदाताओं को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है जिनका उल्लेख नीचे किया गया है:

  • ऐसे व्यक्ति जिनकी आयु 60 वर्ष से कम है।
  • वरिष्ठ नागरिक जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक और 80 वर्ष से कम है।
  • सुपर सीनियर सिटीजन जिनकी उम्र 80 वर्ष से अधिक है।

Income Tax Return Contact Us

आयकर रिर्टन दाखिल करने के लिये टैक्स लिमिट क्या होगी? (What will be the tax limit for filing income tax return?)

आय एवंम् टैक्स रेट (Income & Tax Rate)

आय (Income) कर की दर (Tax Rate)
0-05 Lac 5%
05-10 Lac 20%
10- Above 30%

इनकम टैक्स रिर्टन फाइल करते समय टैक्स सम्बन्धी छूट (Tax exemption while filing income tax return)

धारा (Section) छूट (Exemtion) निवेश विकल्प (Investment)
80C 1.5 Lac LIC & PPF
80TTA 10,000/Normal Int. Saving A/c or FD A/c
80TTB 50,000/Senior Citizen Int. Saving A/c or FD A/c
87A Exemption on Tax यह छूट अधिकतम् 12,500/ मिलेगी, यदि 12,500/ से अधिक कर भुगतान करना निकल रहा है, तो यह छूट नही प्राप्त होगी। Tax Rebate
 80D 25000/ Normal 50,000/ Senior Citizen Medical
 80EEA 1.5 Lac on Int. Home Loan
80EE 50,000/ on Int. Home Loan EMI
 80E Int. on Exemtion Education Loan
80GG 60,000/ Rent Allowence HRA
80DDB 40,000/ Dependent’s serious illness
80CCD 50,000/ National Pension Scheme

निवेश विकल्प (Investment)

  • म्यूचुअल फंड जैसे इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है। सावधि जमा और पीपीएफ की तुलना में, ईएलएसएस कम लॉक-इन अवधि और पैसा बनाने के लिए अधिक लाभ प्रदान करता है।
  • यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) ऐसी बीमा योजनाएं हैं जो बाजार से जुड़ी होती हैं। यूलिप के तहत किया गया निवेश कर कटौती के योग्य है।
  • जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए भुगतान किया गया पैसा धारा 80 सी के तहत कर कटौती योग्य है।
  • जब हम घर खरीदने या नवीनीकरण के लिए ऋण लेते हैं, तो हम एक वित्तीय वर्ष के लिए 1.5 लाख रुपये तक की कर कटौती के पात्र होते हैं। हालांकि, पर्सनल लोन पर कोई टैक्स छूट नहीं है ।
  • 80E उन कटौतियों से संबंधित है जो भारत में शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण पर भुगतान किए गए ब्याज पर लागू होती हैं।
  • 80EE पहली बार घर के मालिकों के लिए लागू कर बचत से संबंधित है। उन व्यक्तियों के लिए लागू होता है जिनका पहला घर खरीदा गया है, जिसकी कीमत 40 लाख रुपये से कम है और जिसके लिए लिया गया ऋण 25 लाख रुपये या उससे कम है। 50 हजार ब्याज पर छूट मिलेगी।
  • 80TTA 60 वर्ष के अदंर के व्यक्ति के कर बचत से संबंधित है जो बचत बैंक खातों, डाकघर या सहकारी समितियों में अर्जित ब्याज पर लागू होता है। व्यक्ति और एचयूएफ 10,000 रुपये तक की ब्याज आय पर कटौती का दावा कर सकते हैं।
  • 80TTB वरिष्ठ नागरिक (Senior Citizen) कर बचत से संबंधित है जो बचत बैंक खातों, डाकघर या सहकारी समितियों में अर्जित ब्याज पर लागू होता है। व्यक्ति 50,000 रुपये तक की ब्याज आय पर कटौती का दावा कर सकते हैं।

वित्तीय वर्ष और कर निर्धारण वर्ष क्या है? (What is financial year and assessment year?)

वित्तीय वर्ष- वह वर्ष जिसमे वित्तीय मामलों की गणना की जाती है, उसे वित्तीय वर्ष कहते है, अर्थात् यदि किसी वित्तीय मामले मे 01-04-20 से 31-03-2021 तक की आय खर्जो की गणना की जा रही है, तो उसका वित्तीय वर्ष 2020-21 कहा जायेगा। वैसे वित्तीय वर्ष अप्रेैल माह से मार्च माह तक लागू होता है।

कर निर्धारण वर्ष- वह वर्ष जिसमे वित्तीय वर्ष की गणना की जाती है, उसे कर निर्धारण वर्ष करते है। वित्तीय वर्ष की गणना अगले वर्ष तक की पूर्ण जाती है, अर्थात् 01-04-20 से 31-03-2021 की वित्तीय गणना अगले वर्ष पूर्ण होती है, जिसे कर निर्धारण कहते है। वित्तीय वर्ष 01-04-20 से 31-03-2021 की कर निर्धारण वर्ष 2021-22 होती है।

अग्रिम कर (Advance Tax)

अग्रिम कर Advance Tax उन मामलों मे लागू होती है। जहां आयकर 10 हजार रूपये से अधिक देनदारी निकलती है ऐसे मामलों मे करों का भुगतान करना Advance Tax कहलाता है । अग्रिम कर भुगतान के लिए कुछ समय सीमाएं हैं। ये समय सीमा नीचे सूचीबद्ध हैं:-

नियत तारीख देय अग्रिम कर
15 जून को या उससे पहले अग्रिम कर का 15%
15 सितंबर को या उससे पहले अग्रिम कर का 45%
15 दिसंबर को या उससे पहले अग्रिम कर का 75%
15 मार्च को या उससे पहले अग्रिम कर का 100%

आयकर विवरणी (Income Tax Return Form)

यदि किसी व्यक्ति को आयकर रिफंड का दावा करना है, तो उसे पहले आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा। आयकर रिर्टन ऑफलाइन एवंम् ऑनलाइन दोनो माध्यम से भरा जा सकता है आय मूल्यांकन समूह के आधार पर, व्यक्ति को नीचे सूचीबद्ध आईटीआर फॉर्मों में से एक जमा करना होगा :-

आईटीआर फॉर्म का नाम विवरण
ITR-1 वेतन, एक गृह संपत्ति, अन्य स्रोतों (ब्याज आदि) से आय वाले व्यक्तियों के लिए
ITR-2 व्यवसाय या पेशे से आय नहीं रखने वाले व्यक्तियों और एचयूएफ के लिए
ITR-3 व्यवसाय या पेशे के लाभ और लाभ से आय वाले व्यक्ति और एचयूएफ
ITR-4 व्यक्तियों, एचयूएफ और फर्मों के लिए (एलएलपी के अलावा) एक निवासी होने के नाते जिसकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है और व्यवसाय और पेशे से आय है जिसकी गणना धारा 44एडी, 44एडीए या 44एई के तहत की जाती है।
ITR-4S प्रकल्पित व्यापार आयकर रिटर्न
ITR-5 के अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए, – (i) व्यक्ति, (ii) एचयूएफ, (iii) कंपनी और (iv) फॉर्म आईटीआर -7 दाखिल करने वाले व्यक्ति
ITR-6 धारा 11 के तहत छूट का दावा करने वाली कंपनियों के अलावा अन्य कंपनियों के लिए
ITR-7 कंपनियों सहित व्यक्तियों के लिए जिन्हें धारा 139(4ए) या 139(4बी) या 139(4सी) या 139(4डी) या 139(4ई) या 139(4एफ) के तहत रिटर्न दाखिल करना होगा।
ITR-V आय की विवरणी दाखिल करने का पावती प्रपत्र

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न? (frequently Asked question?)

 

मैं अपने आयकर की गणना कैसे कर सकता हूं? (How can i Calculate my income tax?)

हां आप अपने आयकर की गणना उपरोक्त लेख मे बतायी गयी छूटो के आधार पर भी कर सकते है अथवा आप Income Tax Calculater की मदद् से भी असानी से कर सकेंगे।

आयकर का भुगतान कौन करता है? (Who must pay income tax?)

आयकर का भुगतान वह नागरिक जो भारत का निवासी हो एवंम् जिसकी आय दिये गये चार्ट के आधार पर टैक्स लिमिट से अधिक हो, अर्थात् 5 Lac से अधिक आय वाले प्रत्येक व्यक्ति को करनी होगी।

मैं कैसे कर का भुगतान कर सकता हूं? (How tax do i pay?)

यदि आप पर टैक्स की देन दारी आती है, तो आप ऑफलाइन एवंम् ऑनलाइन दोनो के माध्यम से भुगतान कर सकेंगे।

अगर मेरी सैलरी 50 हजार रूपये महीने है, तो मुझे कितना टैक्स चुकाना होगा? (How much tax will i pay if my salary is 50,000 monthly?)

कोई टैक्स देय नही होगा, क्योकि आप पहले ही टैक्स लिमिट के अन्दर है।

क्या हमे हर महीने आयकर देना पडेंगा? ( Do we have to pay income tax every month?)

नही आपको हर महीने आयकर देने की अवश्यकता नही है, लेकिन यदि आपका आय कर 10,000/ से अधिक हो रहा है, तो आपको Advance टैक्स देना होगा। उपरोक्त लेख से विस्तृत जानकारी ले सकते है।

87A क्या है? (What is 87A?)

87A एक तरह से टैक्स मे छूट है, अर्थात् यदि आप पर 12000 रूपये आयकर देयता निकलती है, तो आपको 87A की छूट मिल जायेगी। इसकी अधिकतम् छूट 12,500/ है।

क्या वित्तीय वर्ष 20-21 मे 87A की छूट मिलेगी? (Will there be exemption of 87A in the financial year 20-21?)

हां मिलेगी, अधिकतम् छूट 12,500/ होगी।

वित्तीय वर्ष 20-21 की ITR भरने की लास्ट डेट क्या होगी?

वित्तीय वर्ष 20-21 की ITR भरने की लास्ट डेट 31-12-2021 होगी। Audit रिर्टन की लास्ट डेट बढाकर 15 फरवरी कर दी गयी है, लेकिन Audit Report 15 जनवरी तक फाइल करना अनिवार्य होगा।

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