भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 हिन्दी मे (BNS Act Section-103 in Hindi) –
अध्याय VI
103. जो कोई हत्या की कोटि में न आने वाला गैर इरादतन मानव वध करेगा, वह आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष से कम नहीं होगी किन्तु जो दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा, यदि वह कार्य, जिससे मृत्यु हुई है, मृत्यु कारित करने के आशय से या ऐसी शारीरिक चोट कारित करने के आशय से किया गया है, जिससे मृत्यु कारित होने की संभावना है; या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से, दण्डित किया जाएगा, यदि कार्य यह जानते हुए किया गया है कि उससे मृत्यु कारित होने की संभावना है, किन्तु मृत्यु कारित करने या ऐसी शारीरिक चोट कारित करने के आशय के बिना किया गया है, जिससे मृत्यु कारित होने की संभावना है।
मानव शरीर को प्रभावित करने वाले अपराधों के बारे में
जीवन को प्रभावित करने वाले अपराधों के बारे में
103. गैर इरादतन हत्या के लिए दण्ड
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 103 in English (BNS Act Section-103 in English) –
Chapter VI
103. Whoever commits culpable homicide not amounting to murder, shall be punished with imprisonment for life, or imprisonment of either description for a term which shall not be less than five years but which may extend to ten years, and shall also be liable to fine, if the act by which the death is caused is done with the intention of causing death, or of causing such bodily injury as is likely to cause death; or with imprisonment of either description for a term which may extend to ten years and with fine, if the act is done with the knowledge that it is likely to cause death, but without any intention to cause death, or to cause such bodily injury as is likely to cause death.
Of Offences Affecting the Human Body
Of offences affecting life
103. Punishment for culpable homicide
not amounting to murder.