भारतीय न्याय संहिता की धारा 154 हिन्दी मे (BNS Act Section-154 in Hindi) –
अध्याय VII
154. जो कोई लोक सेवक होते हुए और किसी राजकीय कैदी या युद्ध कैदी की अभिरक्षा में रहते हुए, ऐसे कैदी को किसी ऐसे स्थान से, जिसमें वह कैदी परिरुद्ध है, स्वेच्छा से भागने देगा, वह आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।
राज्य के विरुद्ध अपराधों के संबंध में
154. लोक सेवक द्वारा स्वेच्छा से राज्य या युद्ध
बंदी को भागने की अनुमति देना।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 154 in English (BNS Act Section-154 in English) –
Chapter VII
154. Whoever, being a public servant and having the custody of any State prisoner or prisoner of war, voluntarily allows such prisoner to escape from any place in which such prisoner is confined, shall be punished with imprisonment for life, or imprisonment of either description for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine.
Of Offences Against the State
154. Public servant voluntarily allowing
prisoner of state or war to escape.