भारतीय न्याय संहिता की धारा 155 हिन्दी मे (BNS Act Section-155 in Hindi) –
अध्याय VII
155. जो कोई लोक सेवक होते हुए और किसी राजकीय कैदी या युद्ध कैदी की अभिरक्षा में रहते हुए, उपेक्षापूर्वक ऐसे कैदी को किसी कारावास स्थान से, जिसमें ऐसा कैदी परिरुद्ध है, निकल भागने देगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
राज्य के विरुद्ध अपराधों के संबंध में
155. लोक सेवक द्वारा लापरवाही से ऐसे
कैदी को भागने दिया जाना।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 155 in English (BNS Act Section-155 in English) –
Chapter VII
155. Whoever, being a public servant and having the custody of any State prisoner or prisoner of war, negligently suffers such prisoner to escape from any place of confinement in which such prisoner is confined, shall be punished with simple imprisonment for a term which may extend to three years, and shall also be liable to fine.
Of Offences Against the State
155. Public servant negligently suffering
such prisoner to escape.