भारतीय न्याय संहिता की धारा 208 हिन्दी मे (BNS Act Section-208 in Hindi) –
अध्याय XIII
208. जो कोई, किसी लोक सेवक के समक्ष कोई दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख प्रस्तुत करने या परिदत्त करने के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए, उसे प्रस्तुत करने या परिदत्त करने में जानबूझ कर चूक करता है,-
लोक सेवकों के वैध प्राधिकार की अवमानना।
208. दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए विधितः आबद्ध व्यक्ति
द्वारा लोक सेवक को दस्तावेज प्रस्तुत करने में चूक।
(क) वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से दण्डित किया जाएगा;
(ख) और जहां दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख न्यायालय में प्रस्तुत या परिदत्त किया जाना है, वहां सादा कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो दस हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
दृष्टांत।
क, जिला न्यायालय के समक्ष कोई दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए, उसे प्रस्तुत करने में जानबूझ कर चूक करता है। क ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 208 in English (BNS Act Section-208 in English) –
Chapter XIII
208. Whoever, being legally bound to produce or deliver up any document or electronic record to any public servant, as such, intentionally omits so to produce or deliver up the same,-
Of Contempts Of The Lawful Authority of Public Servants.
208.Omission to produce document to public
servant by person legally bound to produce it.
(a) shall be punished with simple imprisonment for a term which may extend to one month, or with fine which may extend to five thousand rupees, or with both;
(b) and where the document or electronic record is to be produced or delivered up to a Court with simple imprisonment for a term which may extend to six months, or with fine which may extend to ten thousand rupees, or with both.
Illustration.
A, being legally bound to produce a document before a District Court, intentionally omits to produce the same. A has committed the offence defined in this section.