भारतीय न्याय संहिता की धारा 212 हिन्दी मे (BNS Act Section-212 in Hindi) –
अध्याय XIII
212. जो कोई किसी लोक सेवक से किसी विषय पर सत्य कहने के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए, उस लोक सेवक द्वारा अपनी वैध शक्तियों के प्रयोग में उस विषय से संबंधित पूछे गए किसी प्रश्न का उत्तर देने से इंकार करेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
लोक सेवकों के वैध प्राधिकार की अवमानना।
212. प्रश्न करने के लिए अधिकृत लोक सेवक
को उत्तर देने से इंकार करना।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 212 in English (BNS Act Section-212 in English) –
Chapter XIII
212. Whoever, being legally bound to state the truth on any subject to any public servant, refuses to answer any question demanded of him touching that subject by such public servant in the exercise of the legal powers of such public servant, shall be punished with simple imprisonment for a term which may extend to six months, or with fine which may extend to five thousand rupees, or with both.
Of Contempts Of The Lawful Authority of Public Servants.
212. Refusing to answer public servant
authorised to question.