भारतीय न्याय संहिता की धारा 214 हिन्दी मे (BNS Act Section-214 in Hindi) –
अध्याय XIII
214. जो कोई, किसी लोक सेवक या ऐसी शपथ दिलाने या प्रतिज्ञान कराने के लिए विधि द्वारा प्राधिकृत अन्य व्यक्ति से किसी विषय पर सत्य कथन करने के लिए शपथ या प्रतिज्ञान द्वारा वैध रूप से आबद्ध होते हुए, ऐसे लोक सेवक या पूर्वोक्त अन्य व्यक्ति से उस विषय के संबंध में कोई ऐसा कथन करेगा, जो मिथ्या है, और जिसके बारे में वह या तो जानता है या विश्वास करता है कि वह मिथ्या है, या जिसके सत्य होने का उसे विश्वास नहीं है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।
लोक सेवकों के वैध प्राधिकार की अवमानना।
214. लोक सेवक या शपथ दिलाने या प्रतिज्ञान कराने के लिए प्राधिकृत
व्यक्ति के समक्ष शपथ या प्रतिज्ञान पर झूठा बयान देना।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 214 in English (BNS Act Section-214 in English) –
Chapter XIII
214. Whoever, being legally bound by an oath or affirmation to state the truth on any subject to any public servant or other person authorised by law to administer such oath or affirmation, makes, to such public servant or other person as aforesaid, touching that subject, any statement which is false, and which he either knows or believes to be false or does not believe to be true, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years, and shall also be liable to fine.
Of Contempts Of The Lawful Authority of Public Servants.
214. False statement on oath or affirmation to public servant or
person authorised to administer an oath or affirmation.