भारतीय न्याय संहिता की धारा 217 हिन्दी मे (BNS Act Section-217 in Hindi) –
अध्याय XIII
217. जो कोई किसी लोक सेवक के वैध प्राधिकार द्वारा विक्रय के लिए प्रस्थापित संपत्ति के विक्रय में साशय बाधा डालेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
लोक सेवकों के वैध प्राधिकार की अवमानना।
217. लोक सेवक के प्राधिकार से बिक्री के लिए प्रस्तावित
संपत्ति की बिक्री में बाधा डालना।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 217 in English (BNS Act Section-217 in English) –
Chapter XIII
217. Whoever intentionally obstructs any sale of property offered for sale by the lawful authority of any public servant, as such, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to one month, or with fine which may extend to five thousand rupees, or with both.
Of Contempts Of The Lawful Authority of Public Servants.
217. Obstructing sale of property offered for
sale by authority of public servant.