भारतीय न्याय संहिता की धारा 22 हिन्दी मे (BNS Act Section-22 in Hindi) –
अध्याय III
सामान्य अपवाद
भारतीय न्याय संहिता की धारा 22. विकृत मस्तिष्क वाले व्यक्ति का कार्य।कोई भी ऐसी बात अपराध नहीं है जो किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाए जो ऐसा करते समय मानसिक विकृति के कारण कार्य की प्रकृति को जानने में असमर्थ हो या यह नहीं जानता हो कि वह गलत या विधि के विरुद्ध कार्य कर रहा है।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 22 in English (BNS Act Section-22 in English) –
Chapter III
General Exceptions
22. Act of a person of unsound mind.Nothing is an offence which is done by a person who, at the time of doing it, by reason of unsoundness of mind, is incapable of knowing the nature of the act, or that he is doing what is either wrong or contrary to law.