भारतीय न्याय संहिता की धारा 260 हिन्दी मे (BNS Act Section-260 in Hindi) –
अध्याय XIV
260. जो कोई किसी ऐसे अपराध के लिए, जिसका उस पर आरोप है या जिसके लिए वह सिद्धदोष ठहराया गया है, स्वयं को विधिपूर्वक पकड़े जाने में साशय प्रतिरोध करेगा या अवैध बाधा डालेगा, या किसी ऐसी अभिरक्षा से, जिसमें वह किसी ऐसे अपराध के लिए विधिपूर्वक निरुद्ध है, निकल भागेगा या निकलने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
झूठे साक्ष्य और लोक न्याय के विरुद्ध अपराध
260. किसी व्यक्ति द्वारा उसकी वैध गिरफ्तारी
में प्रतिरोध या बाधा डालना।
स्पष्टीकरण– इस धारा में दण्ड उस दण्ड के अतिरिक्त है, जिसके लिए पकड़ा जाने वाला या अभिरक्षा में निरुद्ध किया जाने वाला व्यक्ति उस अपराध के लिए उत्तरदायी था, जिसका उस पर आरोप लगाया गया था, या जिसके लिए वह सिद्धदोष ठहराया गया था।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 260 in English (BNS Act Section-260 in English) –
Chapter XIV
260. Whoever intentionally offers any resistance or illegal obstruction to the lawful apprehension of himself for any offence with which he is charged or of which he has been convicted, or escapes or attempts to escape from any custody in which he is lawfully detained for any such offence, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, or with fine, or with both.
Of False Evidence and Offences Against Public Justice.
260. Resistance or obstruction by a person
to his lawful apprehension.
Explanation– The punishment in this section is in addition to the punishment for which the person to be apprehended or detained in custody was liable for the offence with which he was charged, or of which he was convicted.