भारतीय न्याय संहिता की धारा 263 हिन्दी मे (BNS Act Section-263 in Hindi) –
अध्याय XIV
263. जो कोई धारा 260 या धारा 261 या किसी अन्य तत्समय प्रवृत्त विधि में उपबंधित न किए गए किसी मामले में अपने या किसी अन्य व्यक्ति के विधिपूर्वक पकड़े जाने में साशय प्रतिरोध करेगा या अवैध बाधा डालेगा, या किसी ऐसी अभिरक्षा से, जिसमें वह विधिपूर्वक निरुद्ध हो, निकल भागेगा या निकलने का प्रयत्न करेगा, या किसी अन्य व्यक्ति को किसी ऐसी अभिरक्षा से, जिसमें वह व्यक्ति विधिपूर्वक निरुद्ध हो, छुड़ाएगा या छुड़ाने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
झूठे साक्ष्य और लोक न्याय के विरुद्ध अपराध
263. अन्यथा प्रावधान न किए गए मामलों में वैध गिरफ्तारी
या भागने या बचाव में प्रतिरोध या बाधा डालना।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 263 in English (BNS Act Section-263 in English) –
Chapter XIV
263. Whoever, in any case not provided for in section 260 or section 261 or in any other law for the time being in force, intentionally offers any resistance or illegal obstruction to the lawful apprehension of himself or of any other person, or escapes or attempts to escape from any custody in which he is lawfully detained, or rescues or attempts to rescue any other person from any custody in which that person is lawfully detained, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to six months, or with fine, or with both.
Of False Evidence and Offences Against Public Justice.
263. Resistance or obstruction to lawful apprehension
or escape or rescue in cases not otherwise provided for.