भारतीय न्याय संहिता की धारा 275 हिन्दी मे (BNS Act Section-275 in Hindi) –
अध्याय XIV
275. जो कोई यह जानते हुए कि किसी ओषधि या औषधि में ऐसी रीति से मिलावट की गई है, जिससे उसकी प्रभावकारिता कम हो गई है, उसका प्रभाव बदल गया है, या वह अपायकर हो गई है, उसे बेचेगा, या बिक्री के लिए प्रस्तुत करेगा या प्रदर्शित करेगा, या उसे औषधीय प्रयोजनों के लिए किसी औषधालय से मिलावटरहित के रूप में जारी करेगा, या उसे औषधीय प्रयोजनों के लिए किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा उपयोग कराएगा, जिसे मिलावट का पता न हो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।
सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुरक्षा, सुविधा, शालीनता और
नैतिकता को प्रभावित करने वाले अपराध।
275. मिलावटी दवाओं की बिक्री।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 275 in English (BNS Act Section-275 in English) –
Chapter XIV
275. Whoever, knowing any drug or medical preparation to have been adulterated in such a manner as to lessen its efficacy, to change its operation, or to render it noxious, sells the same, or offers or exposes it for sale, or issues it from any dispensary for medicinal purposes as unadulterated, or causes it to be used for medicinal purposes by any person not knowing of the adulteration, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to six months, or with fine which may extend to five thousand rupees, or with both.
Of Offences Affecting the Public Health, Safety,
Convenience, Decency, and Morals.
275. Sale of adulterated drugs.