भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 हिन्दी मे (BNS Act Section-299 in Hindi) –
अध्याय XVI
299. जो कोई किसी व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आशय से या किसी व्यक्ति के धर्म का अपमान करने के आशय से या यह जानते हुए कि उससे किसी व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचने की संभावना है या किसी व्यक्ति के धर्म का अपमान होने की संभावना है, किसी पूजा स्थान या किसी कब्रिस्तान में या अंत्येष्टि संस्कार करने के लिए या मृतकों के अवशेषों को रखने के लिए अलग रखे गए किसी स्थान पर अतिचार करेगा या किसी मानव शव का अपमान करेगा या अंत्येष्टि संस्कार करने के लिए इकट्ठे हुए किसी व्यक्ति को विघ्न पहुंचाएगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।
धर्म से संबंधित अपराधों के विषय में।
299. कब्रिस्तान आदि पर अतिक्रमण करना।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 299 in English (BNS Act Section-299 in English) –
Chapter XVI
299. Whoever, with the intention of wounding the feelings of any person, or of insulting the religion of any person or with the knowledge that the feelings of any person are likely to be wounded, or that the religion of any person is likely to be insulted thereby, commits any trespass in any place of worship or on any place of sepulture, or any place set apart for the performance of funeral rites or as a depository for the remains of the dead, or offers any indignity to any human corpse, or causes disturbance to any persons assembled for the performance of funeral ceremonies, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to one year, or with fine, or with both.
Of Offences Relating to Religion.
299. Trespassing on burial places, etc.