भारतीय न्याय संहिता की धारा 330 | Bharatiya Nyaya Sanhita Section 330

भारतीय न्याय संहिता की धारा 330 हिन्दी मे (BNS Act Section-330 in Hindi) –

अध्याय XVII
आपराधिक अतिचार के संबंध में।
330. अपराध करने के लिए घर
में अतिचार करना।

330. जो कोई किसी अपराध को करने के लिए गृह-अतिचार करेगा-
(क) मृत्यु से दण्डनीय, वह आजीवन कारावास से या दस वर्ष से अधिक अवधि के कठोर कारावास से दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा;
(ख) आजीवन कारावास से दण्डनीय, वह दस वर्ष से अधिक अवधि के कारावास से दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा;
(ग) कारावास से दण्डनीय, वह दो वर्ष तक की अवधि के कारावास से दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा:
परन्तु यदि किया जाने वाला अपराध चोरी है, तो कारावास की अवधि सात वर्ष तक बढ़ाई जा सकेगी।

Bharatiya Nyaya Sanhita Section 330 in English (BNS Act Section-330 in English) –

Chapter XVII
Of criminal trespass.
330. House-trespass in order
to commit offence.

330. Whoever commits house-trespass in order to the committing of any offence-
(a) punishable with death, shall be punished with imprisonment for life, or with rigorous imprisonment for a term not exceeding ten years, and shall also be liable to fine;
(b) punishable with imprisonment for life, shall be punished with imprisonment of either description for a term not exceeding ten years, and shall also be liable to fine;
(c) punishable with imprisonment, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, and shall also be liable to fine:
Provided that if the offence intended to be committed is theft, the term of the imprisonment may be extended to seven years.