कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-113 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 113 के अनुसार अधिवेशन के दिन, समय या स्थान के परिवर्तन की दशा में, कंपनी, सदस्यों को या तो व्यक्तिगत रूप से या. ऐसे समाचारपत्रों में (एक अंग्रेजी और एक जनभाषा में), जो ऐसे स्थान पर परिचालन में है जहां कंपनी का रजिस्ट्रीकृत कार्यालय स्थित है, विज्ञापन के प्रकाशन द्वारा तीन दिन से अन्यून की सूचना देगी, जिसे Companies Act Section-113 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
IMPORTANT HIGHLIGHT
कंपनी अधिनियम की धारा 113 (Companies Act Section-113) का विवरण
कंपनी अधिनियम की धारा 113 Companies Act Section-113 के अनुसार अधिवेशन के दिन, समय या स्थान के परिवर्तन की दशा में, कंपनी, सदस्यों को या तो व्यक्तिगत रूप से या. ऐसे समाचारपत्रों में (एक अंग्रेजी और एक जनभाषा में), जो ऐसे स्थान पर परिचालन में है जहां कंपनी का रजिस्ट्रीकृत कार्यालय स्थित है, विज्ञापन के प्रकाशन द्वारा तीन दिन से अन्यून की सूचना देगी।
कंपनी अधिनियम की धारा 113 (Companies Act Section-113 in Hindi)
कंपनियों और लेनदारों के अधिवेशन मे निगमों का प्रतिनिधित्व-
(1) कोई निगमित निकाय, चाहे वह इस अधिनियम के अर्थान्तर्गत कंपनी है या नहीं,-
(क) यदि वह इस अधिनियम के अर्थान्तर्गत किसी कंपनी का सदस्य है, अपने निदेशक बोर्ड या अन्य शासी निकाय के संकल्प द्वारा, ऐसे व्यक्ति को, जिसे वह ठीक समझे, कंपनी के किसी अधिवेशन में या कंपनी के सदस्यों के किसी वर्ग के किसी अधिवेशन में अपने प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने के लिए प्राधिकृत कर सकेगा;
(ख) यदि वह लेनदार है, जिसके अन्तर्गत इस अधिनियम के अर्थान्तर्गत कंपनी का डिबेंचरधारी भी है, उसके निदेशकों या अन्य शासी निकाय के संकल्प द्वारा ऐसे • व्यक्ति को, जिसे वह ठीक समझे, कंपनी के किन्हीं लेनदारों के किसी अधिवेशन में, यथास्थिति, इस अधिनियम के या उसके अधीन बनाए गए किन्हीं नियमों के अनुसरण में, या किसी डिबेंचर में या न्यास विलेख में अंतर्विष्ट उपबंधों के अनुसरण में, उसके प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने के लिए प्राधिकृत कर सकेगा।
(2) उपधारा (1) के अधीन संकल्प द्वारा प्राधिकृत कोई व्यक्ति, उस कारपोरेट निकाय की ओर से, जिसका वह प्रतिनिधित्व निकाय के रूप में करता, यदि वह कंपनी का व्यष्टिक सदस्य, लेनदार या डिबेंचरधारी होता, उन्हीं अधिकारों और शक्तियों का जिसके अंतर्गत निगमित निकाय की ओर से परोक्षी द्वारा और डाक मतपत्र द्वारा मत देने का अधिकार भी है, प्रयोग करने का हकदार होगा।
Companies Act Section-113 (Company Act Section-113 in English)
Representation of corporations at meeting of companies and of creditors-
(1) A body corporate, whether a company within the meaning of this Act or not, may,-
(a) if it is a member of a company within the meaning of this Act, by resolution of its Board of Directors or other governing body, authorize such person as it thinks fit to act as its representative at any meeting of the company, or at any meeting of any class of members of the company;
(b) if it is a creditor, including a holder of debentures, of a company within the meaning of this Act, by resolution of its directors or other governing body, authorize such person as it thinks fit to act as its representative at any meeting of any creditors of the company held in pursuance of this Act or of any rules made thereunder, or in pursuance of the provisions contained in any debenture or trust deed, as the case may be.
(2) A person authorized by resolution under sub-section (1) shall be entitled to exercise the same rights and powers, including the right to vote by proxy and by postal ballot, on behalf of the body corporate which he represents as that body could exercise if it were an individual member, creditor or holder of debentures of the company.
हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 113 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स मे कमेंट करके पूछ सकते है।