नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 296 के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 296? साथ ही हम आपको IPC की धारा 296 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 296 का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में आज हम बात करेंगे धारा 296 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। यदि कोई व्यक्ति किसी भी धर्म के धार्मिक कार्य, जो वैध रूप से लगे हो, विघ्न डालेगा तो वह व्यक्ति भारतीय दण्ड संहिता की धारा 296 के अंतर्गत अपराधी होगा। इस लेख के माध्यम से हम आपको दंड, जमानत कैसे मिलेगी और इत्यादि की जानकारी आप को देगें। ।
आईपीसी की धारा 295 के अनुसार-
धार्मिक जमाव में विघ्न करना-
जो कोई धार्मिक उपासना या धार्मिक संस्कारों में वैध रूप से लगे हुए किसी जमाव में स्वेच्छया विघ्न कारित करेगा, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
Disturbing religious assembly-
Whoever voluntarily causes disturbance to any assembly lawfully engaged in the performance of religious worship, or religious ceremonies, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to one year, or with fine, or with both.
लागू अपराध
धार्मिक उपासना में लगे हुए जमाव में विघ्न कारित करना।
सजा- एक वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना, अथवा दोनो का भागीदार होगा।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौते योग्य नही है।
सजा (Punishment) का प्रावधान
जो कोई किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक कार्य जैसे धार्मिक उपासना, धार्मिक संस्कार वैध रूप से लगे हुए कार्यो में स्वेच्छा से विघ्न कारीत करता है तो वह व्यक्ति तीन वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना अथवा दोनो का भागीदार हो सकता है।
जमानत (Bail) का प्रावधान
यह अपराध एक जमानतीय, संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। यह अपराध जमानतीय होने के कारण जमानत आसानी से मिल जाती हैं।
अपराध | सजा | अपराध श्रेणी | जमानत | विचारणीय |
धार्मिक उपासना में लगे हुए जमाव में विघ्न कारित करना। | एक वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना, अथवा दोनो | संज्ञेय | जमानतीय | किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा |
हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 296 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी , फिर भी अगर आपके पास कोई सवाल हो,तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है ।