नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 506? साथ ही हम आपको IPC की धारा 506 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 506 का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में आज हम आपको महत्वपूर्ण धारा के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। हम में बहुत से लोगो को नहीं पता होता हैं कि धमकी देना एक तरह का गंभीर अपराध माना गया है । जब कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को किसी भी तरह से अपराधिक धमकी देता है जैसे- किसी कार्य को करने के लिए, अपनी बात मनवाने के लिए, या अपमानित करने के उद्देश्य से धमकाता है तो, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 506 उपयोग होता है । हम इस लेख के माध्यम से आपको पूर्ण जानकारी, कैसे क्या सजा, अर्थदंड, और जमानत कैसे मिलेगी इत्यादि सब बताएंगे ।
आईपीसी की धारा 506 के अनुसार-
अपराधिक अभित्रास (धमकाना) के लिए दण्ड –
जो कोई आपराधिक धमकाना जैसा अपराध करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा।
Punishment for criminal intimidation-
Whoever commits the offence of criminal intimidation shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, or with fine, or with both.
अपराधिक धमकाना क्या है-
अपराधिक धमकाना मतलब कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को धमकी देता है कि ऐसा नहीं करोगे, तो ऐसा होगा। इसी तरह से कई प्रकार से धमकाना ही अपराधिक धमकाना की श्रेणी में आते है । आइए जानते हैं IPC की धारा 506 में किन किन कारणों से धमकाना, की बात की गई है ।
IPC की धारा 506 के अनुसार- यदि कोई व्यक्ति, किसी दूसरे व्यक्ति को कोई आपराधिक धमकी देगा, आपको बता दें धमकी का अर्थ जैसे कि किसी व्यक्ति को जान से मारने की धमकी देना या किसी को आग से जलाना या किसी की प्रॉपर्टी को आग से जला कर खत्म करने की धमकी देना, या किसी का रेप करने की धमकी देना, या किसी व्यक्ति से अपनी बात मनवाने के लिए किसी आपराधिक तरीके से धमकी देना ये सब बातें धमकी की श्रेणी में आएँगी इस प्रकार की धमकी अपराधिक धमकी मानी जाती है । इसके साथ यदि किसी स्त्री के चरित्र पर लांछन लगाता है तो भी यह धारा 506 अप्लाई होती है ।
इस प्रकार की धमकियों के लिए IPC (भारतीय दंड संहिता) की धारा 506 के अनुसार दंड का प्रावधान किया गया है। आपको यह भी जानना बहुत जरूरी है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 506 में गवाहों की ज्यादा जरूरत नहीं होती है, अगर पीड़ित यानी जिस व्यक्ति को धमकी दी गई है, वह न्यायालय में यह साबित कर दे कि उसको इस बात के लिए धमकी दी गई है।
यदि कोई व्यक्ति, किसी अन्य व्यक्ति को मृत्यु या कोई और बड़ा अपराध करने की धमकी देता है, या किसी महिला की इज्जत पर बिना बात के लांछन लगाने की धमकी देगा या आग से जला कर नुकसान पहुंचाने की, या फिर किसी संपत्ति को आग से जलाकर खत्म करने की धमकी देता है, तो ऐसे व्यक्ति को कठोर सजा का भी प्रवधान जैसे मृत्युदंड या कम से कम 7 बर्ष तक के कारावास की सजा दी जा सकती है, जिसे अपराध की गंभीरता को देखते हुए आजीवन कारावास तक की सजा में बदला जा सकता है साथ–साथ आर्थिक दंड से दण्डित किया जा सकता है।
लागू अपराध
1.किसी व्यक्ति को धमकाना।
सजा– दो वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकते है ।
2.यदि धमकी, मृत्यु जैसे घोर अपराध जैसे करने की दी गई हो।
सजा– सात वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकते है ।
यह एक जमानती, असंज्ञेय अपराध है साधारण आपराधिक धमकी देता है, तो यह किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय होता है। यदि मृत्यु या गंभीर चोट की धमकी दी जाती है, तो यह केवल और केवल प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय होता है।
सजा (Punishment) का प्रावधान
जो कोई किसी व्यक्ति को साधारण आपराधिक धमकी देता है, तो वह दो वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकते है एवम् यदि मृत्यु या गंभीर चोट की धमकी दी जाती है तो सात वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकते है। यह धारा 506 दोनों प्रकार के अपराधों में लागू होता है ।
जमानत (Bail) का प्रावधान
जो कोई किसी व्यक्ति को साधारण आपराधिक धमकी देता है एवम् यदि मृत्यु या गंभीर चोट की धमकी दी जाती है, तो वह भी दंडनीय होगा। IPC भारतीय दंड संहिता की धारा 506 में जिस भी अपराध के बारे में बताया गया है यह एक असंज्ञेय अपराध है। इस अपराध में किसी भी आरोपी को जमानत दी जा सकती है। इसके अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को साधारण आपराधिक धमकी देता है, तो यह किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय होता है, और यदि मृत्यु या गंभीर चोट की धमकी दी जाती है, तो यह केवल प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय होता है। इस अपराध में यदि पीड़ित व्यक्ति चाहे तो आरोपी के साथ समझौता कर सकता है |
अपराध | सजा | अपराध श्रेणी | जमानत | विचारणीय |
किसी व्यक्ति को धमकाना। | दो वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनों | गैर-संज्ञेय | जमानतीय | किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट |
यदि धमकी, मृत्यु जैसे घोर अपराध जैसे करने की दी गई हो। | सात वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनों | गैर-संज्ञेय | जमानतीय | किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट |
हमारा प्रयास धारा 506 की पूर्ण जानकारी आप तक प्रदान करने का है, अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है ।