कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-97 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 97 के अनुसार किसी कंपनी का वार्षिक साधारण अधिवेशन की आयोजित करने में कोई व्यतिक्रम किया गया है तो अधिकरण, इस अधिनियम या कंपनी के अनुच्छेदों में किसी बात के होते हुए भी, कंपनी के किसी सदस्य के आवेदन पर कंपनी का वार्षिक साधारण अधिवेशन बुला सकेगा या बुलाने का निदेश दे सकेगा, जिसे Companies Act Section-97 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
IMPORTANT HIGHLIGHT
कंपनी अधिनियम की धारा 97 (Companies Act Section-97) का विवरण
कंपनी अधिनियम की धारा 97 Companies Act Section-97 के अनुसार किसी कंपनी का वार्षिक साधारण अधिवेशन की आयोजित करने में कोई व्यतिक्रम किया गया है तो अधिकरण, इस अधिनियम या कंपनी के अनुच्छेदों में किसी बात के होते हुए भी, कंपनी के किसी सदस्य के आवेदन पर कंपनी का वार्षिक साधारण अधिवेशन बुला सकेगा या बुलाने का निदेश दे सकेगा।
कंपनी अधिनियम की धारा 97 (Companies Act Section-97 in Hindi)
वार्षिक साधारण अधिवेशन बुलाने की अधिकरण की शक्ति-
(1) यदि धारा 97 के अधीन किसी कंपनी का वार्षिक साधारण अधिवेशन की आयोजित करने में कोई व्यतिक्रम किया गया है तो अधिकरण, इस अधिनियम या कंपनी के अनुच्छेदों में किसी बात के होते हुए भी, कंपनी के किसी सदस्य के आवेदन पर कंपनी का वार्षिक साधारण अधिवेशन बुला सकेगा या बुलाने का निदेश दे सकेगा और ऐसे आनुषंगिक या पारिणामिक निदेश दे सकेगा, जो अधिकरण समीचीन समझे :
परंतु ऐसे निदेशों में यह निदेश भी सम्मिलित हो सकेगा कि व्यक्तिगत रूप से या परोक्षी द्वारा उपस्थित कंपनी के किसी एक सदस्य से अधिवेशन का गठन हुआ समझा जाएगा।
(2) उपधारा (1) के अनुसरण में आयोजित साधारण अधिवेशन को, अधिकरण के किन्हीं निदेशों के अधीन रहते हुए, इस अधिनियम के अधीन कंपनी का वार्षिक साधारण अधिवेशन समझा जाएगा।
Companies Act Section-97 (Company Act Section-97 in English)
Power of Tribunal to call annual general meeting–
(1) If any default is made in holding the annual general meeting of a company under section 96, the Tribunal may, notwithstanding anything contained in this Act or the articles of the company, on the application of any member of the company, call, or direct the calling of, an annual general meeting of the company and give such ancillary or consequential directions as the Tribunal thinks expedient:
Provided that such directions may include a direction that one member of the company present in person or by proxy shall be deemed to constitute a meeting.
(2) A general meeting held in pursuance of sub-section (1) shall, subject to any directions of the Tribunal, be deemed to be an annual general meeting of the company under this Act.
हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 97 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स मे कमेंट करके पूछ सकते है।