कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-147 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 147 के अनुसार किसी उपबंध का उल्लंघन किया गया है, तो कंपनी, जुर्माने से, जो पच्चीस हजार रुपए से कम का नहीं होगा, किंतु जो पांच लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगी और कंपनी का प्रत्येक ऐसा अधिकारी, जो व्यतिक्रमी है, कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो दस हजार रुपए से कम का नहीं होगा, किंतु जो एक लाख रुपए तक का हो सकेगा या दोनों से, दंडनीय होगा, जिसे Companies Act Section-147 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
IMPORTANT HIGHLIGHT
कंपनी अधिनियम की धारा 147 (Companies Act Section-147) का विवरण
कंपनी अधिनियम की धारा 147 Companies Act Section-147 के अनुसार किसी उपबंध का उल्लंघन किया गया है, तो कंपनी, जुर्माने से, जो पच्चीस हजार रुपए से कम का नहीं होगा, किंतु जो पांच लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगी और कंपनी का प्रत्येक ऐसा अधिकारी, जो व्यतिक्रमी है, कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो दस हजार रुपए से कम का नहीं होगा, किंतु जो एक लाख रुपए तक का हो सकेगा या दोनों से, दंडनीय होगा।
कंपनी अधिनियम की धारा 147 (Companies Act Section-147 in Hindi)
उल्लंघन के लिए दंड-
(1) यदि धारा 139 से धारा 146 (दोनों सम्मिलित) तक के उपबंधों में से किसी उपबंध का उल्लंघन किया गया है, तो कंपनी, जुर्माने से, जो पच्चीस हजार रुपए से कम का नहीं होगा, किंतु जो पांच लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगी और कंपनी का प्रत्येक ऐसा अधिकारी, जो व्यतिक्रमी है, कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो दस हजार रुपए से कम का नहीं होगा, किंतु जो एक लाख रुपए तक का हो सकेगा या दोनों से, दंडनीय होगा ।
(2) यदि कंपनी का कोई संपरीक्षक धारा 139, धारा 143, धारा 144 या धारा 145 के किन्हीं उपबंधों का उल्लंघन करेगा, तो संपरीक्षक जुर्माने से, जो पच्चीस हजार रुपए से कम का नहीं होगा किन्तु जो पांच लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा :
परंतु यदि ऐसा संपरीक्षक कंपनी या उसके शेयर धारकों या लेनदारों अथवा कर प्राधिकारियों की प्रवंचना के आशय से ऐसे उपबंधों का जानते हुए या जानबूझकर उल्लंघन करेगा, तो संपरीक्षक कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से, जो एक लाख रुपए से कम का नहीं होगा, किन्तु जो पच्चीस लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा ।
(3) जहां किसी संपरीक्षक को उपधारा (2) के अर्थ दोषसिद्ध किया गया है, वहां वह-
(i) उसके द्वारा प्राप्त किए गए पारिश्रमिक का० कंपनी को प्रतिदाय करने के लिए दायी होगा और
(ii) कंपनी, कानूनी निकायों या प्राधिकारियों को या किन्हीं अन्य व्यक्तियों को, उसकी संपरीक्षा रिपोर्ट में की गई विशिष्टियों के गलत या भ्रामक कथनों से होने वाली हानि के लिए किसी नुकसानी का संदाय करने के लिए दायी होगा ।
(4) केंद्रीय सरकार, उपधारा (3) के खंड (ii) के अधीन कंपनी या व्यक्तियों को नुकसानी का तुरंत संदाय सुनिश्चित करने के लिए किसी कानूनी निकाय या प्राधिकारी या किसी अधिकारी को, अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट करेगी और ऐसा निकाय, प्राधिकारी या अधिकारी, ऐसी नुकसानी का ऐसी कंपनी या व्यक्तियों को संदाय करने के पश्चात् ऐसी नुकसानी करने की बाबत केंद्रीय सरकार के पास रिपोर्ट ऐसी रीति में जो उक्त अधिसूचना में विनिर्दिष्ट की जाए, फाइल करेगा।
(5) जहां किसी संपरीक्षा फर्म द्वारा संचालित की जा रही किसी कंपनी की संपरीक्षा की दशा में यह साबित हो जाता है कि संपरीक्षा भागीदार या भागीदारों ने कपटपूर्ण रीति में कार्य किया है या कंपनी या उसके निदेशकों अथवा अधिकारियों के संबंध में या उनके साथ किसी कपट के लिए दुष्प्रेरण या दुस्संधि की है, वहां ऐसे कृत्य के लिए इस अधिनियम या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में यथाउपबंधित सिविल या दांडिक दायित्व संपरीक्षा फर्म से संबंधित भागीदार या भागीदारों और फर्म का संयुक्त रूप से और पृथक रूप से होगा।
Companies Act Section-147 (Company Act Section-147 in English)
Punishment for contravention–
(1) If any of the provisions of sections 139 to 146 (both inclusive) is contravened, the company shall be punishable with fine which shall not be less than twenty- five thousand rupees but which may extend to five lakh rupees and every officer of the company who is in default shall be punishable with imprisonment for a term which may extend to one year or with fine which shall not be less than ten thousand rupees but which may extend to one lakh rupees, or with both.
(2) If an auditor of a company contravenes any of the provisions of section 139, section 143, section 144 or section 145, the auditor shall be punishable with fine which shall not be less than twenty-five thousand rupees but which may extend to five lakh rupees:
Provided that if an auditor has contravened such provisions knowingly or wilfully with the intention to deceive the company or its shareholders or creditors or tax authorities, he shall be punishable with imprisonment for a term which may extend to one year and with fine which shall not be less than one lakh rupees but which may extend to twenty-five lakh rupees.
(3) Where an auditor has been convicted under sub-section (2), he shall be liable to—
(i) refund the remuneration received by him to the company; and
(ii) pay for damages to the company, statutory bodies or authorities or to any other persons for loss arising out of incorrect or misleading statements of particulars made in his audit report.
(4) The Central Government shall, by notification, specify any statutory body or authority or an officer for ensuring prompt payment of damages to the company or the persons under clause (ii) of sub-section (3) and such body, authority or officer shall after payment of damages to such company or persons file a report with the Central Government in respect of making such damages in such manner as may be specified in the said notification.
(5) Where, in case of audit of a company being conducted by an audit firm, it is proved that the partner or partners of the audit firm has or have acted in a fraudulent manner or abetted or colluded in any fraud by, or in relation to or by, the company or its directors or officers, the liability, whether civil or criminal as provided in this Act or in any other law for the time being in force, for such act shall be of the partner or partners concerned of the audit firm and of the firm jointly and severally.
हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 147 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स मे कमेंट करके पूछ सकते है।