भारतीय दंड संहिता की धारा 316 के अनुसार-
जो कोई ऐसा कोई कार्य ऐसी परिस्थितियों में करेगा कि यदि वह तद्द्वारा मृत्यु कारित कर देता, तो वह आपराधिक मानव वध का दोषी होता और ऐसे कार्य व्दारा किसी सजीव अजात शिशु को मृत्यु कारित करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
लागू अपराध
ऐसे कार्य व्दारा जो गैर-इरादतन हत्या की कोटि में आता है, किसी सजीव अजात शिशु की मृत्यु कारित करने वाले व्यक्ति को दस वर्ष कारावास व आर्थिक दण्ड अथवा दोनो का भागीदार होगा ।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय व्दारा विचारणीय है।
धारा-316 के अंतर्गत सजा का प्रवधान
ऐसे व्यक्ति जो ऐसे कार्य जो गैर-इरादतन हत्या की कोटि में आता है, किसी सजीव अजात शिशु की मृत्यु कारित करने वाले को इस धारा के अंतर्गत व्यक्ति को दस वर्ष कारावास व आर्थिक दण्ड अथवा दोनो का भागीदार होगा ।