नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 446 के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 446? साथ ही हम आपको IPC की धारा 446, क्या परिभाषित करती है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
IPC की धारा 446 का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 446 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय दंड संहिता की धारा 446 रात्रौ गृह भेदन (House-breaking by night) को परिभाषित किया गया है, इस लेख के माध्यम से समझने का प्रयास करेंगे।
आईपीसी की धारा 446 के अनुसार
रात्रौ गृह भेदन-
जो कोई सूर्यास्त के पश्चात् और सूर्योदय से पूर्व गृह-भेदन करता है, वह “रात्रौ गृह भेदन” करता है, यह कहा जाता है।
House-breaking by night-
Whoever commits house-breaking after sunset and before sunrise, is said to commit “house-breaking by night”.
रात्रौ गृह भेदन क्या है?
साधारण भाषा में रात्रौ गृह भेदन (House-breaking by night), जो कोई व्यक्ति किसी के गृह अथवा तम्बू या जलयान अथवा किसी उपासना स्थल पर सूर्यास्त के पश्चात् और सूर्योदय से पूर्व गृह-भेदन करता है, वह “रात्रौ गृह भेदन” करता है, यह कहा जाता है।
हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 446 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप बेझिझक कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।
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