कंपनी अधिनियम की धारा 106| Companies Act Section 106

कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-106 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 106 के अनुसार कंपनी के अनुच्छेद यह उपबंध कर सकेंगे कि कोई सदस्य अपने नाम में रजिस्ट्रीकृत ऐसे किन्हीं शेयरों के संबंध में किसी मताधिकार का प्रयोग नहीं करेगा, जिन पर वर्तमान में उसके द्वारा संदेय कोई मांग राशियां या अन्य राशियां संदत्त नहीं की गई हैं या जिनके संबंध में कंपनी ने किसी धारणाधिकार का प्रयोग किया है, जिसे Companies Act Section-106 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

कंपनी अधिनियम की धारा 106 (Companies Act Section-106) का विवरण

कंपनी अधिनियम की धारा 106 Companies Act Section-106 के अनुसार कंपनी के अनुच्छेद यह उपबंध कर सकेंगे कि कोई सदस्य अपने नाम में रजिस्ट्रीकृत ऐसे किन्हीं शेयरों के संबंध में किसी मताधिकार का प्रयोग नहीं करेगा, जिन पर वर्तमान में उसके द्वारा संदेय कोई मांग राशियां या अन्य राशियां संदत्त नहीं की गई हैं या जिनके संबंध में कंपनी ने किसी धारणाधिकार का प्रयोग किया है।

कंपनी अधिनियम की धारा 106 (Companies Act Section-106 in Hindi)

मतदान के अधिकारों पर निर्बन्धन-

(1) इस अधिनियम में किसी बात के होते हुए भी, कंपनी के अनुच्छेद यह उपबंध कर सकेंगे कि कोई सदस्य अपने नाम में रजिस्ट्रीकृत ऐसे किन्हीं शेयरों के संबंध में किसी मताधिकार का प्रयोग नहीं करेगा, जिन पर वर्तमान में उसके द्वारा संदेय कोई मांग राशियां या अन्य राशियां संदत्त नहीं की गई हैं या जिनके संबंध में कंपनी ने किसी धारणाधिकार का प्रयोग किया है ।
(2) कोई कंपनी, उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट आधारों के सिवाय किसी अन्य आधार पर किसी सदस्य को उसके मताधिकार का प्रयोग करने से प्रतिषिद्ध नहीं करेगी ।
(3) किसी कंपनी के अधिवेशन में कराए गए मतदान पर एक से अधिक मत देने का हकदार कोई सदस्य या, यथास्थिति, उसका परोक्षी, जहां अनुज्ञात किया गया है या उसके लिए मत देने के हकदार किसी अन्य व्यक्ति को, यदि वह मत देता है, तो अपने सभी मतों का प्रयोग करने या उसके द्वारा प्रयोग किए गए सभी मतों को एक ही प्रकार से प्रयोग करना आवश्यक नहीं होगा।

Companies Act Section-106 (Company Act Section-106 in English)

Restriction on voting rights-

(1) Notwithstanding anything contained in this Act, the articles of a company may provide that no member shall exercise any voting right in respect of any shares registered in his name on which any calls or other sums presently payable by him have not been paid, or in regard to which the company has exercised any right of lien.
(2) A company shall not, except on the grounds specified in sub-section (1), prohibit any member from exercising his voting right on any other ground.
(3) On a poll taken at a meeting of a company, a member entitled to more than one vote, or his proxy, where allowed, or other person entitled to vote for him, as the case may be, need not, if he votes, use all his votes or cast in the same way all the votes he uses.

हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 106 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स मे कमेंट करके पूछ सकते है।

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