कंपनी अधिनियम की धारा 33| Companies Act Section 33

कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-33 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 33 के अनुसार किसी कंपनी की किन्हीं प्रतिभूतियों का क्रय करने के लिए कोई आवेदन पत्र तब तक जारी नहीं किया जाएगा, जब तक ऐसे पत्र के साथ संक्षिप्त प्रास्पेक्टस न लगा हो, जिसे Companies Act Section-33 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

कंपनी अधिनियम की धारा 33 (Companies Act Section-33) का विवरण

कंपनी अधिनियम की धारा 33 Companies Act Section-33 के अनुसार किसी कंपनी की किन्हीं प्रतिभूतियों का क्रय करने के लिए कोई आवेदन पत्र तब तक जारी नहीं किया जाएगा, जब तक ऐसे पत्र के साथ संक्षिप्त प्रास्पेक्टस न लगा हो।

कंपनी अधिनियम की धारा 33 (Companies Act Section-33 in Hindi)

प्रतिभूतियों के लिए आवेदन पत्र का जारी किया जाना

(1) किसी कंपनी की किन्हीं प्रतिभूतियों का क्रय करने के लिए कोई आवेदन पत्र तब तक जारी नहीं किया जाएगा, जब तक ऐसे पत्र के साथ संक्षिप्त प्रास्पेक्टस न लगा होः

परंतु इस उपधारा की कोई बात तब लागू नहीं होगी, यदि यह दर्शित किया जाता है कि आवेदन पत्र

(क) ऐसी प्रतिभूतियों के संबंध में कोई हामीदारी करार करने के लिए किसी व्यक्ति को सद्भावपूर्ण आमंत्रण के संबंध में जारी किया गया था; या

(ख) ऐसी प्रतिभूतियों के संबंध में जारी किया गया था, जो जनता को प्रस्थापित नहीं की गई थीं।

(2) प्रास्पेक्टस की एक प्रति, अभिदाय सूची और प्रस्थापना बंद किए जाने से पूर्व किसी व्यक्ति द्वारा अनुरोध किए जाने पर, उसे दी जाएगी।

(3) यदि कोई कंपनी इस धारा के उपबंधों का अनुपालन करने में व्यतिक्रम करती है, तो वह ऐसे प्रत्येक व्यतिक्रम के लिए, पचास हजार रुपए की शास्ति के लिए दायी होगी।

Companies Act Section-33 (Company Act Section-33 in English)

Issue of application forms for securities

(1) No form of application for the purchase of any  of the securities of a company shall be issued unless such form is accompanied by an abridged  prospectus: 

Provided that nothing in this sub-section shall apply if it is shown that the form of application was  issued-

(a) in connection with a bona fide invitation to a person to enter into an underwriting agreement  with respect to such securities; or 

(b) in relation to securities that were not offered to the public. 

(2) A copy of the prospectus shall, on a request being made by any person before the closing of the subscription list and the offer, be furnished to him.

(3) If a company makes any default in complying with the provisions of this section, it shall be liable  to a penalty of fifty thousand rupees for each default. 

हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 33 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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