कंपनी अधिनियम की धारा 38| Companies Act Section 38

कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-38 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 38 के अनुसार किसी कंपनी को उसकी प्रतिभूतियों का अर्जन करने या उनके लिए अभिदाय करने के लिए कल्पित नाम से कोई आवेदन करेगा या करने का दुष्प्रेरण करेगा, जिसे Companies Act Section-38 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

कंपनी अधिनियम की धारा 38 (Companies Act Section-38) का विवरण

कंपनी अधिनियम की धारा 38 Companies Act Section-38 के अनुसार किसी कंपनी को उसकी प्रतिभूतियों का अर्जन करने या उनके लिए अभिदाय करने के लिए कल्पित नाम से कोई आवेदन करेगा या करने का दुष्प्रेरण करेगा।

कंपनी अधिनियम की धारा 38 (Companies Act Section-38 in Hindi)

प्रतिभूतियों के अर्जन आदि के सम्बन्ध में प्रतिरूपण के लिए दंड-

(1) कोई व्यक्ति, जो

(क) किसी कंपनी को उसकी प्रतिभूतियों का अर्जन करने या उनके लिए अभिदाय करने के लिए कल्पित नाम से कोई आवेदन करेगा या करने का दुष्प्रेरण करेगा; या

(ख) किसी कंपनी को उसकी प्रतिभूतियों को अर्जित करने या उनके लिए अभिदाय करने के लिए विभिन्न नामों में या अपने नाम या उपनाम के विभिन्न समुच्चयों में बहु आवेदन करेगा या करने का दुष्प्रेरण करेगा; या ।

(ग) अन्यथा किसी कंपनी को प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से उसे या किसी अन्य व्यक्ति को किसी कल्पित नाम से प्रतिभूतियों का आबंटन करने या

उनके अंतरण को रजिस्टर करने के लिए उत्प्रेरित करेगा, वह धारा 447 के अधीन कार्रवाई के लिए भागी होगा।

(2) उपधारा (1) के उपबंध, कंपनी द्वारा जारी किए गए प्रत्येक प्रास्पेक्टस में और प्रतिभूतियों के लिए प्रत्येक आवेदन पत्र में, प्रमुख रूप से पुनः प्रस्तुत किए जाएंगे।

(3) जहां किसी व्यक्ति को इस धारा के अधीन दोषसिद्ध किया गया है वहां न्यायालय ऐसे व्यक्ति द्वारा लिए गए अभिलाभों को, यदि कोई हों, वापस करने और उसके कब्जे में की प्रतिभूतियों के अभिग्रहण और व्ययन का आदेश भी कर सकेगा।

(4) उपधारा (3) के अधीन प्रतिभूतियों को वापस करने और उनके व्ययन द्वारा प्राप्त रकम को विनिधानकर्ता शिक्षा और संरक्षण निधि में जमा किया जाएगा।

Companies Act Section-38 (Company Act Section-38 in English)

Punishment for personation for acquisition, etc., of securities

(1) Any person who-

(a) makes or abets making of an application in a fictitious name to a company for acquiring, or  subscribing for, its securities; or 

(b) makes or abets making of multiple applications to a company in different names or in  different combinations of his name or surname for acquiring or subscribing for its securities; or 

(c) otherwise induces directly or indirectly a company to allot, or register any transfer of,  securities to him, or to any other person in a fictitious name, 

shall be liable for action under section 447. 

(2) The provisions of sub-section (1) shall be prominently reproduced in every prospectus issued by a  company and in every form of application for securities. 

(3) Where a person has been convicted under this section, the Court may also order disgorgement of gain, if any, made by, and seizure and disposal of the securities in possession of, such person. 

(4) The amount received through disgorgement or disposal of securities under subsection (3) shall be  credited to the Investor Education and Protection Fund.

हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 38 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

Leave a Comment