नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 462 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 462 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 462 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 462 के अन्तर्गत किसी दण्ड न्यायालय का कोई निष्कर्ष, दंडादेश या आदेश केवल इस आधार पर कि वह जांच, विचारण या अन्य कार्यवाही जिसके अनुक्रम में उस निष्कर्ष पर पहुंचा गया था या वह दंडादेश या आदेश पारित किया गया था, गलत सेशन खण्ड, जिला, उपखण्ड या अन्य स्थानीय क्षेत्र में हुई थी उस दशा में ही अपास्त किया जाएगा जब यह प्रतीत होता है कि ऐसी गलती के कारण वस्तुतः न्याय नहीं हो पाया है।
सीआरपीसी की धारा 462 के अनुसार
गलत स्थान में कार्यवाही-
किसी दण्ड न्यायालय का कोई निष्कर्ष, दंडादेश या आदेश केवल इस आधार पर कि वह जांच, विचारण या अन्य कार्यवाही जिसके अनुक्रम में उस निष्कर्ष पर पहुंचा गया था या वह दंडादेश या आदेश पारित किया गया था, गलत सेशन खण्ड, जिला, उपखण्ड या अन्य स्थानीय क्षेत्र में हुई थी उस दशा में ही अपास्त किया जाएगा जब यह प्रतीत होता है कि ऐसी गलती के कारण वस्तुतः न्याय नहीं हो पाया है।
Proceedings in wrong place-
No finding, sentence or order of any Criminal Court shall be set aside merely on the ground that the inquiry, trial or other proceedings in the course of which it was arrived at or passed, took place in a wrong sessions division, district, sub-division or other local area, unless it appears that such error has in fact occasioned a failure of justice.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 462 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।