भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 147 | Indian Contract Act Section 147

भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-147) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 147 के अनुसार सह-प्रतिभू, जो विभिन्न राशियों के लिए आबद्ध है, अपनीअपनी बाध्यताओं की परिसीमाओं तक समानतः संदाय करने के दायी है, जिसे IC Act Section-147 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 147 (Indian Contract Act Section-147) का विवरण

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 147 IC Act Section-147 के अनुसार सह-प्रतिभू, जो विभिन्न राशियों के लिए आबद्ध है, अपनीअपनी बाध्यताओं की परिसीमाओं तक समानतः संदाय करने के दायी है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 147 (IC Act Section-147 in Hindi)

विभिन्न राशियों के लिए आबद्ध सह-प्रतिभुओं का दायित्व-

सह-प्रतिभू, जो विभिन्न राशियों के लिए आबद्ध है, अपनीअपनी बाध्यताओं की परिसीमाओं तक समानतः संदाय करने के दायी है।
दृष्टांत
(क) घ के प्रतिभूओं के रूप में क, ख और ग इस शर्त पर आश्रित कि ङ को घ सम्यक् रूप से लेखा देगा, पृथक्-पृथक् तीन बन्धपत्र लिख देते हैं, जिनमें से हर एक भिन्न शास्ति वाला है अर्थात् क का 10,000 रुपए की, ख का 20,000 रुपए की, ग का 40,000 रुपए की शास्ति वाला है। ग 30,000 रुपए का लेखा नहीं देता। क, ख और ग हर एक 10,000 रुपए संदाय करने के दायी हैं।
(ख) घ के प्रतिभुओं की हैसियत में क, ख और ग, इस शर्त पर आश्रित कि ङ को घ सम्यक् रूप से लेखा देगा, पृथक्-पृथक् तीन बन्धपत्र लिख देते हैं जिनमें से हर एक भिन्न शास्ति वाला है, अर्थात् क का 10,000 रुपए की, ख का 20,000 रुपए की, ग का 40,000 रुपए की शास्ति वाला है । घ 40,000 रुपए का लेखा नहीं देता। क 10,000 रुपए का और ख और ग हर एक 15,000 रुपए का संदाय करने के दायी हैं।
(ग) घ के प्रतिभुओं के रूप में, क, ख और ग इस शर्त पर आश्रित कि ङ को घ सम्यक रूप से लेखा देगा, पृथक-पृथक तीन बन्धपत्र लिख देते हैं जिनमें से हर एक भिन्न शास्ति वाला है, अर्थात् क का 10,000 रुपए की, ख का 20,000 रुपए की, और घ का 40,000 रुपए की शास्ति वाला है । घ 70,000 रुपए का लेखा नहीं देता। क, ख और ग हर एक को अपने बन्धपत्र की पूरी शास्ति देनी होगी।

Indian Contract Act Section-147 (IC Act Section-147 in English)

Liability of co-sureties bound in different sums-

Co-sureties who are bound in different sums are liable to pay equally as far as the limits of their respective obligations permit.
Illustrations
(a) A, B and C, as sureties for D, enter into three several bonds, each in a different penalty, namely, A in the penalty of each 10,000 rupees, B in that of 20,000 rupees, C in that of 40,000 rupees, conditioned for D‟s duly accounting to E. D makes default to the extent of 30,000 rupees. A, B and C are each liable to pay 10,000 rupees.
(b) A, B and C, as sureties for D, enter into three several bonds, each in a different penalty, namely, A in the penalty of 10,000 rupees, B in that of 20,000 rupees, C in that of 40,000 rupees, conditioned for D‟s duly accounting to E. D makes default to the extent of 40,000 rupees. A is liable to pay 10,000 rupees, and B and C 15,000 rupees each.
(c) A, B and C, as sureties for D, enter into three several bonds, each in a different penalty, namely, A in the penalty of 10,000 rupees, B in that of 20,000 rupees, C in that of 40,000 rupees, conditioned for D ‟s duly accounting to E. D makes default to the extent of 70,000 rupees. A, B and C have to pay each the full penalty of his bond.

हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 147 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

Leave a Comment