नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 13 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 13, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 13 का विवरण
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 13 के अन्तर्गत जब किसी अधिकार या रूढ़ि प्रश्नगत है, तब सुसंगत तथ्य किसी अधिकार या रूढ़ि के अस्तित्व के बारे में प्रश्न है तो वह तथ्य भीं साक्ष्य का रूप ले सकेंगे। अर्थात् जब किसी व्यक्ति के पूर्वजों ने किसी विलेख या महत्वपूर्ण बदलाव किया जो सबके लिए आवश्यक था, और सही भी था, और आगे चलकर किसी ने उसे गलत ठहराया, तो रूढ़ि अधिकार प्रश्नगत है, तब सुसंगत तथ्य है।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 13 के अनुसार
जबकि अधिकार या रूढ़ि प्रश्नगत है, तब सुसंगत तथ्य-
जहाँ कि किसी अधिकार या रूढ़ि के अस्तित्व के बारे में प्रश्न है, वहाँ निम्नलिखित तथ्य सुसंगत हैं-
(क) कोई संव्यवहार, जिसके द्वारा प्रश्नगत अधिकार या रूढ़ि, सृष्ट, दावाकृत, उपांतरित, मान्यकृत, प्राख्यात या प्रत्याख्यात की गई थी या जो उसके अस्तित्व से असंगत था,
(ख) वे विशिष्ट उदाहरण, जिनमें वह अधिकार या रूढ़ि, दावाकृत, मान्यकृत या प्रयुक्त की गई थी या जिनमें उसका प्रयोग विवादग्रस्त था या प्राख्यात किया गया था या उसका अनुसरण नहीं किया गया था।
Facts relevant when right or custom is in question-
Where the question is as to the existence of any right or custom, the following facts are relevant-
(a) Any transaction by which the right or custom in question was created, claimed, modified, recognized, asserted, or denied, or which was inconsistent with its existence;
(b) Particular instances in which the right or custom was claimed, recognized, or exercised, or in which its exercise was disputed, asserted or departed from.
हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 13 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।