भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 156 | सुसंगत तथ्य के साक्ष्य की सम्पुष्टि करने की प्रवृत्ति रखने वाले प्रश्न ग्राह्य होंगे | Indian Evidence Act Section- 156 in hindi| Questions tending to corroborate evidence of relevant fact, admissible.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 156 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 156, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 156 का विवरण

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 156 के अन्तर्गत जब कोई साक्षी, जिसकी सम्पुष्टि करना आशयित हो, किसी सुसंगत तथ्य का साक्ष्य देता है, तब उससे ऐसी अन्य किन्हीं भी परिस्थितियों के बारे में प्रश्न किया जा सकेगा, जिन्हें उसने उस समय या स्थान पर, या के निकट सम्प्रेक्षित किया, जिस पर ऐसा सुसंगत तथ्य घटित हुआ, यदि न्यायालय की यह राय हो कि ऐसी परिस्थितियाँ, यदि वे साबित हो जाएं, साक्षी के उस सुसंगत तथ्य के बारे में, जिसका वह साक्ष्य देता है, परिसाक्ष्य को सम्पुष्ट करेंगी।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 156 के अनुसार

सुसंगत तथ्य के साक्ष्य की सम्पुष्टि करने की प्रवृत्ति रखने वाले प्रश्न ग्राह्य होंगे-

जबकि कोई साक्षी, जिसकी सम्पुष्टि करना आशयित हो, किसी सुसंगत तथ्य का साक्ष्य देता है, तब उससे ऐसी अन्य किन्हीं भी परिस्थितियों के बारे में प्रश्न किया जा सकेगा, जिन्हें उसने उस समय या स्थान पर, या के निकट सम्प्रेक्षित किया, जिस पर ऐसा सुसंगत तथ्य घटित हुआ, यदि न्यायालय की यह राय हो कि ऐसी परिस्थितियाँ, यदि वे साबित हो जाएं, साक्षी के उस सुसंगत तथ्य के बारे में, जिसका वह साक्ष्य देता है, परिसाक्ष्य को सम्पुष्ट करेंगी।

Questions tending to corroborate evidence of relevant fact, admissible-
When a witness whom it is intended to corroborate gives evidence of any relevant fact, he may be questioned as to any other circumstances which he observed at or near to the time or place at which such relevant fact occurred, if the Court is of opinion that such circumstances, if proved, would corroborate the testimony of the witness as to the relevant fact which he testifies.

दृष्टान्त
क, एक सहअपराधी किसी लूट का, जिसमें उसने भाग लिया था, वृत्तान्त देता है। वह लूट से असंसक्त विभिन्न घटनाओं का वर्णन करता है जो उस स्थान को और जहाँ कि वह लूट की गयी थी, जाते हुए और वहाँ से आते हुए मार्ग में घटित हुई थीं।
इन तथ्यों का स्वतन्त्र साक्ष्य स्वयं उस लूट के बारे में उसके साक्ष्य को सम्पुष्ट करने के लिए दिया जा सकेगा।

हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 156 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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