नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 44 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 44, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 44 का विवरण
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 44 के अन्तर्गत वाद या अन्य कार्यवाही का कोई भी पक्षकार यह दर्शित कर सकेगा कि कोई निर्णय, आदेश या डिक्री, जो धारा 40, 41 या 42 के अधीन सुसंगत है और जो प्रतिपक्षी द्वारा साबित की जा चुकी है, ऐसे न्यायालय द्वारा दी गई थी जो उसे देने के लिये अक्षम था, या कपट या दुस्संधि द्वारा अभिप्राप्त की गई थी।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 44 के अनुसार
निर्णय अभिप्राप्त करने में कपट या दुस्संधि अथवा न्यायालय की अक्षमता साबित की जा सकेगी–
वाद या अन्य कार्यवाही का कोई भी पक्षकार यह दर्शित कर सकेगा कि कोई निर्णय, आदेश या डिक्री, जो धारा 40, 41 या 42 के अधीन सुसंगत है और जो प्रतिपक्षी द्वारा साबित की जा चुकी है, ऐसे न्यायालय द्वारा दी गई थी जो उसे देने के लिये अक्षम था, या कपट या दुस्संधि द्वारा अभिप्राप्त की गई थी।
Fraud or collusion in obtaining judgment, or incompetency of Court, may be proved-
Any party to a suit or other proceeding may show that any judgment, order or decree which is relevant under Sections 40, 41 or 42, and which has been proved by the adverse party, was delivered by a Court not competent to deliver it, or was obtained by fraud or collusion.
हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 44 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।
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