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आईपीसी की धारा 146 | बल्वा करना | IPC Section- 146 in hindi | Rioting.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 146 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 146? साथ ही हम आपको IPC की धारा 146 सम्पूर्ण जानकारी एवम् परिभाषा भी जानेंगे। इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 146 का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 146 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। वैसे हमने देखा होगा, कभी कभी किसी गैरकानूनी जनसभा में विधिविरुद्ध जमाव द्वारा या उस समूह में शामिल सदस्य द्वारा, सामान्य उद्देश्य के लिए बल या हिंसा का प्रयोग करता है, तब ऐसे जमाव में शामिल प्रत्येक सदस्य बल्वा करने के अपराध का दोषी होगा। भारतीय दंड संहिता की धारा 146 बल्वा को परिभाषित करती है। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 146 इसी विषय के बारे में बतलाती है।

आईपीसी की धारा 146 के अनुसार-

बल्वा करना-

जब कभी विधिविरुद्ध जमाव द्वारा या उसके किसी सदस्य द्वारा, ऐसे जमाव के सामान्य उद्देश्य को अग्रसर करने में बल या हिंसा का प्रयोग किया जाता है, तब ऐसे जमाव का हर सदस्य बल्वा करने के अपराध का दोषी होगा।

Rioting-
Whenever force or violence is used by an unlawful assembly, or by any member thereof, in prosecution of the common object of such assembly, every member of such assembly is guilty of the offence of rioting.

बल्वा का अर्थ-

बल्वा करना (Rioting)- जो कोई विधिविरुद्ध जमाव द्वारा या उसके किसी सदस्य द्वारा, किसी गैर कानूनी जनसभा में बल अथवा हिंसा का प्रयोग किया जाता है, अर्थात् समाज में हिंसा फैलती है, जिसे हम बल्वा कहते है। तब ऐसे जमाव का हर सदस्य बल्वा करने के अपराध का दोषी होगा।

हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 146 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आप के पास कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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