नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 160 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 160? साथ ही हम आपको IPC की धारा 160 सम्पूर्ण जानकारी कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलेगी, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 160 का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 160 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जब दो या दो से अधिक व्यक्ति पब्लिक प्लेस पर आपस में इस प्रकार लड़ते झगड़ते है कि समाज की लोक शांति भंग होती है, तब उसे हम सभी ‘दंगा करना’ कहते है। यह धारा 160 दंगा करने वाले व्यक्तियों को दंडित करने के लिए अप्लाई होगी। जिसके लिए वह दंड का भागीदार होगा। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 160 इसी विषय के बारे में बतलाती है।
आईपीसी की धारा 160 के अनुसार-
दंगा करने के लिए दण्ड-
जो कोई दंगा करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक सौ रुपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
Punishment for committing affray–
Whoever commits an affray, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to one month, or with fine which may extend to one hundred rupees, or with both.
लागू अपराध
दंगा करना।
सजा- एक मास के लिए कारावास, या सौ रुपए का जुर्माना या दोनो।
यह एक जमानतीय, संज्ञेय अपराध है और किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता योग्य नही है।
सजा (Punishment) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 160 के अंतर्गत जो कोई दो या अधिक व्यक्तियो द्वारा समाज में दंगा करके सामाजिक शांति भंग करते है तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकेगी, या एक सौ रुपए का जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
जमानत (Bail) का प्रावधान
जो कोई समाज में दंगा करते हैं, जिससे समाज की शांति भंग होती है तो वह व्यक्ति भारतीय दंड संहिता की धारा 160 के अंतर्गत ऐसे अपराध कारित करने वाले व्यक्ति अपराध के अनुसार जमानत (Bail) का प्रावधानसार ही मामले में पुलिस द्वारा FIR दर्ज करती है यह अपराध जमानतीय होने के कारण जमानत आसानी से नही मिल जाती है।
अपराध | सजा | अपराध श्रेणी | जमानत | विचारणीय |
दंगा करना। | एक मास के लिए कारावास, या सौ रुपए का जुर्माना या दोनो। | संज्ञेय | जमानतीय | किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा |
हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 160 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आप के पास कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

मै पिछसे 8 वर्षो से टैक्स सलाहकार के रूप मे कार्यरत् हूं, इसके अलावा मेरा शौक टैक्स सम्बन्धी आर्टिकल एवंम् कानून से सम्बन्धित जानकारियां आपके साथ साझा करने का है। पेशे से मै एक वकील एवंम् कर सलाहकार हूं।