नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 170 के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 170? साथ ही हम आपको IPC की धारा 170 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
IPC की धारा 170 का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 170 के अंतर्गत जो कोई किसी विशिष्ट पद को लोक सेवक के नाते धारण करने का अपदेश यह जानते हुए करेगा कि वह ऐसा पद धारण नहीं करता है या ऐसा पद धारण करने वाले किसी अन्य व्यक्ति का छद्म प्रतिरूपण करेगा और ऐसे बनावटी रूप में ऐसे पदाभास से कोई कार्य करेगा या करने का प्रयत्न करेगा तो यह धारा 170 के अंतर्गत दंडित किया जाएगा। जिसके लिए वह दंड व जुर्माने का भागीदार होगा। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 170 इसी विषय के बारे में बतलाती है।
आईपीसी की धारा 170 के अनुसार-
लोक सेवक का प्रतिरूपण-
जो कोई किसी विशिष्ट पद को लोक सेवक के नाते धारण करने का अपदेश यह जानते हुए करेगा कि वह ऐसा पद धारण नहीं करता है या ऐसा पद धारण करने वाले किसी अन्य व्यक्ति का छद्म प्रतिरूपण करेगा और ऐसे बनावटी रूप में ऐसे पदाभास से कोई कार्य करेगा या करने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
Personating a public servant-
Whoever pretends to hold any particular office as a public servant, knowing that he does not hold such office or falsely personates any other person holding such office, and in such assumed character dies or attempts to do any act under colour of such office, shall be punished with imprisonment of either description for a term, which may extend to two years, or with fine, or with both.
लागू अपराध
लोक सेवक का प्रतिरूपण।
सजा- दो वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनो।
यह एक गैर-जमानतीय, संज्ञेय अपराध है और किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता योग्य नही है।
सजा (Punishment) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 170 के अंतर्गत जो कोई लोकसेवक के पद धारण करता है जबकि वास्तव में वह व्यक्ति उस वर्ग का नही है, ऐसे बनावटी रूप से लोक सेवक पद का कार्य करता है या करने का प्रयास करता है तो वह कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
जमानत (Bail) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 170 के अंतर्गत ऐसे अपराध कारित करने वाले व्यक्ति जमानत (Bail) कराना आवश्यक है, यह अपराध गैर-जमानतीय होने के कारण जमानत आसानी से नहीं मिल सकेगी।
अपराध | सजा | अपराध श्रेणी | जमानत | विचारणीय |
लोक सेवक का प्रतिरूपण। | दो वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनो। | संज्ञेय | गैर-जमानतीय | किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा |
हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 170 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।