नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको आईपीसी की रोचक धारा के बारे में बताएंगे। हम सभी आज के समय टीवी एवम् अखबार में देखने को मिलता है, जो कोई व्यक्ति जरा सी बात को लेकर तेजाब इत्यादि का प्रयोग करके गंभीर चोटे पहुंचाने के उद्देश्य से उस पर फेकता है या उसका सेवन कराता है तो वह भारतीय दण्ड संहिता की धारा 326A अप्लाई होती है, जिसके अंतर्गत ही अपराधी को कारावास और जुर्माने अथवा दोनो से दंडित किया जाएगा। आइए जानते है, क्या कहती है ? धारा 326A साथ ही सम्पूर्ण जानकारी आपको इस लेख के माध्यम से देंगे।
धारा 326A का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में आज हम बात करेंगे धारा 326A के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जब कोई व्यक्ति किसी पर तेजाब द्वारा चोट पहुंचाने के उद्देश्य से हमला करता है, जिससे उस व्यक्ति को गंभीर चोटे भी आती है और उस व्यक्ति की जान भी जा सकती है तो वह व्यक्ति भारतीय दण्ड संहिता की धारा 326A के अंतर्गत अपराधी होगा। इस लेख के माध्यम से हम आपको दंड, जमानत कैसे मिलेगी और इत्यादि की जानकारी आप को देगें।
आईपीसी की धारा 326A के अनुसार-
तेजाब, इत्यादि के प्रयोग से स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना-
जो कोई किसी व्यक्ति के शरीर के किसी अंग या अंगों को उस व्यक्ति पर तेजाब फेंककर या उसे तेजाब का सेवन कराकर या किन्हीं अन्य साधनों का प्रयोग करके स्थायी या आंशिक नुकसान या विद्रूपता कारित करेगा या दाह कारित करेगा या विकलांग बनायेगा या विदूषित करेगा या निःशक्त बनायेगा या वैसा कारित करने के आशय से या इस ज्ञान के साथ, कि उसे ऐसी क्षति या उपहति कारित होना सम्भाव्य है, घोर उपहति कारित करेगा, वह दोनों में से ऐसे किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष से न्यून नहीं होगी, किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी और जुर्माने से दण्डित किया जायेगा।
Voluntarily causing grievous hurt by use of acid, etc-
Whoever causes permanent or partial damage or deformity to, or burns or maims or disfigures or disables, any part or parts of the body of a person or causes grievous hurt by throwing acid on or by administering acid to that person, or by using any other means with the intention of causing or with the knowledge that he is likely to cause such injury or hurt, shall be punished with imprisonment of either description for a term which shall not be less than ten years but which may extend to imprisonment for life, and with fine.
परन्तु ऐसा जुर्माना पीड़ित के उपचार के चिकित्सीय व्यय को पूरा करने के लिए न्यायोचित और युक्तियुक्त होगा।परन्तु यह और कि इस धारा के अधीन अधिरोपित किसी जुर्माना का भुगतान पीड़ित को किया जायेगा।
लागू अपराध
स्वेच्छया तेजाब, इत्यादि के प्रयोग से घोर उपहति कारित करना।
सजा- कारावास जो दस वर्ष से कम नहीं, किंतु जो आजीवन कारावास तक का हो सकेगा और जुर्माना, जिसका भुगतान पीड़िता को किया जाएगा।
यह एक गैर जमानती, संज्ञेय अपराध है और सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौते योग्य नही है।
सजा (Punishment) का प्रावधान
जब कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति पर तेजाब फेकता है या सेवन कराता है जबकि उसे ज्ञात है कि वह पीड़ित व्यक्ति को इससे गम्भीर चोट देगा और उसकी जान भी जा सकती है। ऐसा कृत्य करता है तो वह व्यक्ति कारावास जो दस वर्ष से कम नहीं, किंतु जो आजीवन कारावास तक का हो सकेगा और जुर्माना, जिसका भुगतान पीड़िता को किया जाएगा।।
जमानत (Bail) का प्रावधान
जब कोई व्यक्ति तेजाब हमला करता है, और पीड़ित व्यक्ति उसे गंभीर चोटे भी प्राप्त हुई है और उसकी जान भी जाने का खतरा हैं इस तरह के मामले में पुलिस द्वारा धारा 326A के अंतर्गत FIR दर्ज करके अपराधी को पकड़कर कारावास में बंद कर देती है और मामले की पूर्ण जांच करके न्यायालय को चार्जशीट पेश करती है, इसलिए जमानत नहीं मिल पाएगी। यह अपराध एक गैर जमानतीय, संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। यह अपराध गैर जमानतीय होने के कारण जमानत नही मिल पाएगी। न्यायालय द्वारा ट्रायल के पश्चात् ही दोषी या निर्दोष साबित होगा।
अपराध | सजा | अपराध श्रेणी | जमानत | विचारणीय |
स्वेच्छया तेजाब, इत्यादि के प्रयोग से घोर उपहति कारित करना। | कारावास जो दस वर्ष से कम नहीं, किंतु जो आजीवन कारावास तक का हो सकेगा और जुर्माना। | संज्ञेय | गैर-जमानतीय | सेशन न्यायालय द्वारा |
हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 326A की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी , फिर भी अगर आपके पास कोई सवाल हो,तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है ।
Mere bhai ke zamanat 326a ke ho chuki h allahbad se jis mai arest kia tha but humne uska remedical kra tha to vo dhara 326b ho gai the kya y zamanat dono mai kaam krege?
ha kregi
Mere Bhai per jhutha mukadma likhbaya hai jabki mera bhai use city mein bhi nahin tha
Ab vah jail mein hai aur BEL nahin mil rahi unhone Apne hath se tejab dalkar medical banvaya hai
Ab ham kya Karen ??
Sbse pahle Bail le lo bail application me Acid wali baat pr aur waha maujood nhi the evidence ke sath bahas karao, yaha se ni mil rhi to highcourt se pakka mil jayegi phir lado jeet tumhari hi hogi