नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 431 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 431 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 431 का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 431 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे जो कोई किसी ऐसे कार्य के करने द्वारा रिष्टि करेगा, जिससे किसी लोक सड़क, पुल, नाव्य नदीं या प्राकृतिक या कृत्रिम नाव्य जलसरिणी को यात्रा या सम्पत्ति प्रवहण के लिये अगम्य या कम निरापद बना दिया जाये या बना दिया जाना वह सम्भाव्य जानता हो करेगा, तो वह धारा 431 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।
आईपीसी की धारा 431 के अनुसार
लोक सड़क, पुल, नदी या जल-सरणी को क्षति पहुँचाकर रिष्टि–
जो कोई किसी ऐसे कार्य के करने द्वारा रिष्टि करेगा, जिससे किसी लोक सड़क, पुल, नाव्य नदीं या प्राकृतिक या कृत्रिम नाव्य जलसरिणी को यात्रा या सम्पत्ति प्रवहण के लिये अगम्य या कम निरापद बना दिया जाये या बना दिया जाना वह सम्भाव्य जानता हो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
Mischief by injury to public road, bridge, river or channel-
Whoever commits mischief by doing any act which renders or which he knows to be likely to render any public road, bridge, navigable river or navigable channel, natural or artificial, impassable or less safe for travelling or conveying property, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to five years, or with fine, or with both.
लागू अपराध
लोक सड़क, पुल, नाव्य नदी अथवा नाव्य जल सारणी को क्षति पहुंचाने और उसे यात्रा या संपत्ति प्रवहरण के लिए अगम्य या कम निरापद बना देने द्वारा रिष्टि।
सजा- पांच वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनो।
यह अपराध एक जमानतीय और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
जुर्माना/सजा (Fine/Punishment) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 431 के अंतर्गत जो कोई किसी ऐसे कार्य के करने द्वारा रिष्टि करेगा, जिससे किसी लोक सड़क, पुल, नाव्य नदीं या प्राकृतिक या कृत्रिम नाव्य जलसरिणी को यात्रा या सम्पत्ति प्रवहण के लिये अगम्य या कम निरापद बना दिया जाये या बना दिया जाना वह सम्भाव्य जानता हो करेगा, तो वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
जमानत (Bail) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 431 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में जमानतीय (Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत मिल सकेगी।
अपराध | सजा | अपराध श्रेणी | जमानत | विचारणीय |
लोक सड़क, पुल, नाव्य नदी अथवा नाव्य जल सारणी को क्षति पहुंचाने और उसे यात्रा या संपत्ति प्रवहरण के लिए अगम्य या कम निरापद बना देने द्वारा रिष्टि। | पांच वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनो। | संज्ञेय | जमानतीय | प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा |
हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 431 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

मै पिछसे 8 वर्षो से टैक्स सलाहकार के रूप मे कार्यरत् हूं, इसके अलावा मेरा शौक टैक्स सम्बन्धी आर्टिकल एवंम् कानून से सम्बन्धित जानकारियां आपके साथ साझा करने का है। पेशे से मै एक वकील एवंम् कर सलाहकार हूं।