किशोर न्याय अधिनियम की धारा 2 (परिभाषायें) | Juvenile Justice Act Section 2 (Definitions)

किशोर न्याय अधिनियम JJ Act (Juvenile Justice Act) की धारा -2 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। किशोर न्याय अधिनियम की धारा-2 किशोर न्याय अधिनियम को परिभाषित किया गया है।

किशोर न्याय अधिनियम की धारा- 2 हिन्दी मे

परिभाषाये-
इस अधिनियम मे, जब तक कि संन्दर्भ से अन्यथा आपेक्षित न हों-
(1) "परित्यक्त बालक" से अपने जैविक या दत्तक माता-पिता या संरक्षण द्वारा अभित्यक्त ऐसा बालक अभिप्रेत है जिसे समिति द्वारा सम्यक जांच के पश्चात परित्यक्त घोषित किया गया है;
(2) "दत्तग्रहण" से ऐसी प्रक्रिया अभिप्रेत है जिसके माध्यम से दत्तक बालक को उसके जैविक माता-पिता से स्थायी रूप से अलग कर दिया जाता है और वह अपने दत्तक माता-पिता का ऐसे सभी अधिकारो, विशेषाधिकारो और उत्तरदायित्वों सहित, जो किसी जैविक बालक से जुड़े हों, विधिपूर्ण बालक बन जाता है;
(3) "दत्तग्रहण विनियम" से प्राधिकरण द्वारा विरचित और केन्द्रीय सरकार द्वारा, दत्तकग्रहण के संबंध में अधिसूचित विनियम अभिप्रेत है;
(4) "प्रशासक" से राज्य के उपसचिव से अनिम्न पंक्ति का ऐसा कोई जिला पदाधिकारी अभिप्रेत है जिसे मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्रदान की गई है;
(5) "पश्चात देखरेख " से उन व्यक्तियों की, जिन्होंने अठारह वर्ष की आयु पूरी कर ली है, किन्तु इक्कीस वर्ष की 'आयु पूरी नही की है और जिन्होंने समाज की मुख्य धारा से जुड़ने के लिए किसी संस्थागत देखरेख का त्याग कर दिया है, वित्तीय और अन्यथा सहायता का उपबंध किया जाना अभिप्रेत है;
(6) “प्राधिकृत विदेशी दत्तकग्रहण अभिकरण" से ऐसा कोई विदेशी, सामाजिक या बाल कल्याण अभिकरण अभिप्रेत है जो अनिवासी भारतीय के या विदेशी भारतीय नागरिक या भारतीय मूल के व्यक्तियों या विदेशी भावी दत्तक माता-पिता के भारत से किसी बालक के दत्तकग्रहण संबंधी आवेदन का समर्थन करने की उस देश के उनके केन्द्रीय प्राधिकरण या सरकारी विभाग की सिफारिश पर केन्द्रीय दतकग्रहण खोत प्राधिकरण द्वारा प्राधिकृत है
(7) "प्राधिकृत" से धारा 68 के अधीन गठित केन्द्रीय दत्कग्रहण खोत प्राधिकरण अभिप्रेत है;
(8) "भीख मांगने से.-
(i) किसी लोक स्थान पर भिक्षा की याचना करना या उसे प्राप्त करना अथवा किसी प्राइवेट परिसर मे भिक्षा की याचना करने या उसे प्राप्त करने के प्रयोजन के लिए प्रवेश करना, चाहे वह किसी भी बहाने से हो;
(ii) भिक्षा अभिप्राप्त करने या उछापित करने के उद्देश्य से अपना या किसी अन्य व्यक्ति या किसी जीवजंतु का कोई व्रण, घाव, क्षति, अंग विकार या रोग अभिदर्शित या प्रदर्शित करना,
(9) “बालक का सर्वोत्तम हित" से बालक के बारे मे, उसके मूलभूत अधिकारों और आवश्यकताओं, पहचान, सामाजिक कल्याण और भौतिक, भावनात्मक और बौद्धिक विकास के पूरा किए जाने को सुनिश्चित करने के लिए किए गए किसी विनिश्वय का आधार अभिप्रेत है;
(10) "बोर्ड" से धारा 4 के अधीन गठित किशोर न्याय बोर्ड अभिप्रेत है;
(11) “केन्द्रीय प्राधिकरण" से बाल संरक्षण और अंतरदेशीय दत्तकग्रहण की बाबत सहयोग संबंधी हेग कन्वेंशन (1993) के अधीन उस रूप में मान्यताप्राप्त सरकारी विभाग अभिप्रेत है;
(12) "बालक” से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जिसने अठारह वर्ष की आयु पूरी नहीं है;
(13) “विधि का उल्लंघन करने वाला बालक" से ऐसा बालक अभिप्रेत है, जिसके बारे मे यह अभिकथन है या पाया गया है कि उसने कोई अपराध किया है और जिसने उस अपराध के किए जाने की तारीख को अठारह वर्ष की आयु पूरी नही की है;
(14) “देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाला बालक" से ऐसा बालक अभिप्रेत है-
(i) जिसके बारे मे यह पाया जाता है कि उसका कोई घर या निश्चित निवास स्थान नहीं है और जिसके पास जीवन निर्वाह के कोई दृश्यमान साधन नहीं है; या
(ii) जिसके बारे मे यह पाया जाता है कि उसने तत्समय प्रवृत श्रम विधियों का उल्लंघन किया है या पथ पर भीख मांगते या वहां रहते पाया जाता है; या
(iii) जो किसी व्यक्ति के साथ रहता है (चाहे वह बालक का संरक्षक हो या नहीं) और ऐसे व्यक्ति ने,-
(क) बालक को क्षति पहुंचाई है, उसका शोषण किया है, उसके साथ दुर्व्यहार किया है या उसकी उपेक्षा की है अथवा बालक के संरक्षण के लिए अभिप्रेत तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि का अतिक्रमण किया है; या
(ख) बालक को मारने, उसे क्षति पहुंचाने, उसका शोषण करने या उसके साथ दुर्व्यहार करने की धमकी दी है और उस धमकी को कार्यान्वित किए जाने की युक्तियुक्त संभावना है; या
(ग) किसी अन्य बालक या बालकों का वध कर दिया है, उसके या उनके साथ दुर्व्यहार किया है, उसकी या उनकी उपेक्षा या उसका या उनका शोषण किया है और प्रश्नगत बालक का उस व्यक्ति द्वारा वध किए जाने, उसके साथ दुर्व्यहार, उसका शोषण या उसकी उपेक्षा किए जाने की युक्तियुक्त संभावना है; या
(iv) जो मानसिक रूप से बीमार या मानसिक या शारीरिक रूप से असुविधाग्रस्त है या घातक अथवा असाध्य रोग से पीडित है, जिसकी सहायता या देखभाल या देखभाल करने वाला कोई नहीं है या जिसके माता-पिता या संरक्षक है, किन्तु वे उसकी देखरेख करने में, यदि बोर्ड या समिति द्वारा ऐसा पाया जाए, असमर्थ है; या
(v) जिसके माता-पिता अथवा कोई संरक्षक है और ऐसी माता या ऐसे पिता अथवा संरक्षण को बालक की देखरेख करने और उसकी सुरक्षा तथा कल्याण की संरक्षा करने के लिए, समिति या बोर्ड द्वारा अयोग्य या असमर्थ पाया जाता है; या
(vi) जिसके माता-पिता नहीं है और कोई भी उसकी देखरेख करने का इच्छुक नहीं हैं या जिसके माता-पिता ने उसका परित्याग या अभ्यर्पण कर दिया है; या
(vii) जो गुमशुदा या भागा हुआ बालक है या जिसके माता-पिता, ऐसी रीति मे, जो विहित की जाए. युक्तियुक्त जांच के पश्चात भी नहीं मिल सके है, या
(viii) जिसका लैंगिक दुर्व्यहार या अवैध कार्यों के प्रयोजन के लिए दुर्व्यहार, प्रपीडन या शोषण किया गया है या किया जा रहा है या किए जाने की संभावना है; या
(ix) जो असुरक्षित पाया गया है और उसे मादक द्रव्य दुरुपयोग या अवैध व्यापार में सम्मिलित किए जाने की संभावना है; या
(x) जिसका लोकात्मा विरुद्ध अभिलाभ के लिए दुरूपयोग किया जा रहा है या किए जाने की संभावना है; या
(xi) जो किसी सशस्त्र संघर्ष, सिविल उपद्रव या प्राकृतिक आपदा से पीड़ित है या प्रभावित है; या
(xii) जिसको विवाह की आयु प्राप्त करने के पूर्व विवाह का आसन्न जोखिम है और जिसके माता- पिता और कुटंब के सदस्यों, संरक्षक और अन्य व्यक्तियों के ऐसे विवाह के अनुष्ठापन के लिए उत्तरदायी होने की संभावना है;
(15) "बालक हितैषी" से ऐसा कोई व्यवहार, आचरण, पद्धति, प्रक्रिया, रूख, वातावरण या बर्ताव अभिप्रेत है, जो मानवीय, विचारशील और बालक के सर्वोत्तम हित में हो;
(16) "बालक का दत्तकग्रहण के लिए विधिक रूप से स्वतंत्र होना" से धारा 38 के अधीन सम्यक जांच के पश्चात समिति द्वारा उस रूप में घोषित किया गया बालक अभिप्रेत है;
(17) "बालक कल्याण अधिकारी से, यथास्थिति, समिति या बोर्ड द्वारा दिए गए निर्देशों का ऐसे उत्तरदायित्व से, जो विहित किया जाए, पालन करने के लिए बाल गृह से जुड़ा कोई अधिकारी अभिप्रेत है;
(18) "बालक कल्याण पुलिस अधिकारी से 107 की उपधारा (1) के अधीन उस रूप में पदाभिहित कोई अधिकारी अभिप्रेत है;
(19) "बाल गृह” से राज्य सरकार द्वारा, स्वयं द्वारा या किसी स्वैच्छिक या गैर-सरकारी संगठन के माध्यम से प्रत्येक जिले या जिलों के समूह में स्थापित या अनुरक्षित और धारा 50 में विनिर्दिष्ट प्रयोजनों के लिए उस रूप में रजिस्ट्रीकृत बाल गृह अभिप्रेत है;
(20) "बालक न्यायालय" से बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 के अधीन स्थापित कोई न्यायालय या लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के अधीन कोई विशेष न्यायालय, जहां कहीं विद्यमान हो, और जहां ऐसे न्यायालयों को अभिहित नहीं किया गया है, वहां उस अधिनियम के अधीन अपराधों का विचारण करने की अधिकारिता रखने वाला सेशन न्यायालय अभिप्रेत है;
(21) “बालक देखरेख संस्था" से बालगृह, खुला, आश्रय, संप्रेक्षण गृह, विशेष गृह, सुरक्षित स्थान, विशिष्ट दत्कग्रहण अभिकरण और उन बालकों की देखरेख और संरक्षा, जिन्हें ऐसी सेवाओं की आवश्यकता है, करने के लिए इस अधिनियम के अधीन मान्यताप्राप्त कोई उचित सुविधा तंत्र अभिप्रेत है;
(22) "समिति” से धारा 27 के अधीन गठित कोई बाल कल्याण समिति अभिप्रेत है;
(23) "न्यायालय" से ऐसा कोई सिविल न्यायालय अभिप्रेत है जिसे दत्तकग्रहण और संरक्षकता के मामलों मे अधिकारिता प्राप्त है और इसके अंतर्गत जिला न्यायालय, कुटुम्ब न्यायालय और नगर सिविल न्यायालय भी सम्मिलित है;
(24) “शारीरिक दंड से किसी व्यक्ति द्वारा किसी बालक को ऐसा शारीरिक दंड देना अभिप्रेत है जिसमें किसी अपराध के लिए प्रतिशोध के रूप में या बालक को अनुशासित करने या सुधारने के प्रयोजन के लिए जानबूझकर पीडा पहुंचाना अंतर्वलित है:
(25) "बालबद्ध सेवाओं से संकटावस्था में बालकों के लिए चौबीस घंटे ऐसी आपातकालीन पहुंच सेवा अभिप्रेत है, जो उन्हें आपातकालीन या दीर्घकालीन देखरेख और पुनर्वास सेवा से जोड़ती है;
(26) "जिला पालक संरक्षण एक" से किसी जिले के लिए धारा 106 के अधीन राज्य सरकार द्वारा स्थापित एक बालक संरक्षण एक अभिप्रेत है जो इस अधिनियम के क्रियान्वयन को और जिले में अन्य बालक संरक्षण उपायों को सुनिश्चित करने का बिन्दु हो;
(27) "उचित सुधा तंत्र" से किसी सरकारी संगठन या रजिस्ट्रीकृत स्वैच्छिक या गैर-सरकारी संगठन द्वारा चलाया जा रहा ऐसा सुविधा तंत्र उक्त प्रयोजन के लिए उचित होने के रूप में धारा 51 की उपधारा (1) के अधीन, यथास्थिति, समिति या बोर्ड द्वारा मान्यताप्राप्त है;
(28) "योग्य व्यक्ति" से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है, जो बालक की किसी विनिर्दिष्ट प्रयोजन के लिए जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है और ऐसे व्यक्ति की इस निमित जांच के पश्चात पहचान कर ली गई है और उसे उक्त प्रयोजन के लिए, यथास्थिति, समिति या बोर्ड द्वारा बालक को लेने और उसकी देखरेख करने के लिए योग्य के रूप में, मान्यता प्रदान की गई:
(29) “पोषण देखरेख” से किसी बालक का समिति द्वारा बालक के जैविक कुटुंब से भिन्न ऐसे किसी कुटुंब के, जिसका ऐसी देखरेख करने के लिए चयन किया गया है, जिसे अर्हित घोषित किया गया है, जिसका अनुमोदन और पर्यवेक्षण किया गया है. घरेलू वातावरण में आनुकल्पित देखरेख के प्रयोजन के लिए रखा जाना अभिप्रेत है;
(30) “पालक कुटुंब” से ऐसा कुटुंब अभिप्रेत है जिसे जिला बालक संरक्षण एकक द्वारा धारा 44 के अधीन पोषण देखरेख के लिए बालकों को रखने हेतु उपयुक्त पाया गया है;
(31) “संरक्षक" से, किसी बालक के संबंध में, उसका नैसर्गिक संरक्षक या ऐसा कोई अन्य व्यक्ति अभिप्रेत है। जिसकी वास्तविक देखरेख में, यथास्थिति, समिति या बोर्ड की राय में, वह बालक है और जिसे यथास्थिति, समिति या बोर्ड द्वारा कार्यवाहियों के दौरान संरक्षक के रूप में मान्यता प्रदान की गई है;
(32) "सामूहिक पोषण देखरेख से देखरेख और संरक्षा की आवश्यकता वाले ऐसे बालकों के लिए, जिनकी पैतृक देखरेख नहीं होती है. कुटुंब जैसी ऐसी देखरेख सुविधा अभिप्रेत है, जिसका उददेश्य कुटुंब जैसे और समुदाय आधारित समाधानों के माध्यम से व्यक्तिपरक देखरेख करने तथा संबंध और पहचान के बोध को अनुकूल बनाने का है;
(33) "जघन्य अपराध” के अन्तर्गत ऐसे अपराध आते है, जिनके लिए भारतीय दंड संहिता या तत्समय प्रवृत किसी अन्य विधि के अधीन न्यूनतम दंड सात वर्ष या उससे अधिक के कारावास का है;
(34) "अंतर-देशीय दतकग्रहण से भारत से अनिवासी भारतीय द्वारा भारतीय मूल के किसी व्यक्ति द्वारा या किसी विदेशी द्वारा बालक का दत्तकग्रहण अभिप्रेत है;
(35) "किशोर" से अठारह वर्ष से कम आयु का बालक अभिप्रेत है;
(36) “स्वापक औषधि" और "मनः प्रभावी पदार्थ के क्रमशः वही अर्थ है, जो स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 (1985 का 61) मे हैं;
(37) "निराक्षेप प्रमाणपत्र' से अंतर-देशीय दत्तकग्रहण के संबंध में, उक्त प्रयोजन के लिए केन्द्रीय दत्तकग्रहण स्त्रोत प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया कोई प्रमाणपत्र अभिप्रेत है;
(38) अनिवासी भारतीय से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जिसके पास भारतीय पासपोर्ट है और वर्तमान मे एक से अधिक वर्ष से विदेश में रह रहा है;
(39) "अधिसूचना' से. यथास्थिति, भारत के राजपत्र में या किसी राज्य के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना अभिप्रेत है और अधिसूचित' पद का तदनुसार अर्थ लगाया जाएगा:
(40) संप्रेक्षण गृह से किसी राज्य सरकार द्वारा स्वयं या किसी स्वैच्छिक या गैर-सरकारी संगठन के माध्यम से प्रत्येक जिले या जिलों के समूह में स्थापित और अनुरक्षित तथा धारा 47 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट प्रयोजनों के लिए उस रूप में रजिस्ट्रीकृत संप्रेक्षण गृह अभिप्रेत है;
(41) “खुला आश्रय से बालकों के लिए राज्य सरकार द्वारा धारा 13 की उपधारा (1) के अधीन स्वयं द्वारा या किसी स्वैच्छिक या गैर-सरकारी संगठन के माध्यम से स्थापित और अनुरक्षित तथा उस धारा में विनिर्दिष्ट प्रयोजनों के लिए उस रूप में रजिस्ट्रीकृत सुविधा तत्र अभिप्रेत है;
(42) “अनाथ” से ऐसा बालक अभिप्रेत है,-
(i) जिसके जैविक या दत्तक माता-पिता या विधिक संरक्षक नहीं है; या
(ii) जिसका विधिक संरक्षक बालक की देखरेख करने का इच्छुक नहीं है या देखरेख करने में समर्थ नहीं है;
(43) “विदेशी भारतीय नागरिक से नागरिक अधिनियम, 1955 (1955 का 57) के अधीन उस रूप में रजिस्ट्रीकृत कोई व्यक्ति अभिप्रेत है;
(44) "भारतीय मूल के व्यक्ति से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जिसके पारम्परिक पूर्वपुरुषों में से कोई भारतीय राष्ट्रिक हैया था और जो वर्तमान में केन्द्रीय सरकार द्वारा जारी किया गया भारतीय मूल के व्यक्ति होने संबंधी कार्ड (पर्सन ऑफ इंडियन आरिजन कार्ड धारण किए हुए हैं;
(45) छोटे अपराधों के अंतर्गत ऐसे अपराध आते हैं, जिनके लिए भारतीय दंड संहिता (1860 का 45 ) या तत्समय प्रवृत किसी अन्य विधि के अधीन अधिकतम दंड तीन मास तक के कारावास का है;
(46) सुरक्षित स्थान से ऐसा कोई स्थान या ऐसी संस्था. जो पुलिस हवालात या जेल नहीं है. अभिप्रेत है. जिसकी स्थापना पृथक रूप से की गई है या जो यथास्थिति किसी संप्रेक्षण गृह या किसी विशेष गृह से जुड़ी हुई है. जिसका भारसाधक व्यक्ति विधि का उल्लंघन करने वाले अभिकथित बालक या उल्लंघन करते पाए गए ऐसे बालकों को. बोर्ड या बालक न्यायालय, दोनो के आदेश से जांच के दौरान या आदेश में यथा विनिर्दिष्ट अवधि और प्रयोजन के लिए दोषी पाए जाने के पश्चात सतत् पुनर्वासन के दौरान अपनाने और उनकी देखरेख करने का इच्छुक है;
(47) विहित से इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा बिहित अभिप्रेत है;
(48) "परिवीक्षा अधिकारी से राज्य सरकार द्वारा अपराधी परिवीक्षा अधिनियम, 1958 (1958 का 20) के अधीन परिवीक्षा अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया अधिकारी या राज्य सरकार द्वारा जिला बालक संरक्षक एकक के अधीन नियुक्त किया गया विधि-सह-परिवीक्षा अधिकारी अभिप्रेत है;
(49) “भावी दत्तक माता-पिता से धारा 57 के उपबंधों के अनुसार बालक के दत्तक के लिए पात्र व्यक्ति अभिप्रेत है या है;
(50) “लोक स्थान" का वही अर्थ होगा, जो अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 (1956 का 104) में है;
(51) रजिस्ट्रीकृत से राज्य सरकार के प्रबंधनाधीन बालक देखरेख संस्थाओं या अभिकरणों या सुविधा तंत्रों या किसी स्वैच्छिक या गैर-सरकारी संगठन के संदर्भ में बालकों को अल्पकालिक या दीर्घकालिक आधार पर आवासीय देखरेख उपलब्ध कराने के लिए संप्रेक्षण गृह, विशेष गृह, सुरक्षित स्थान, बाल गृह, खुला आश्रय या विशिष्ट दत्तकग्रहण अभिकरण या कोई ऐसी अन्य संस्था, जो किसी विशिष्ट आवश्यकता की अनुक्रिया में सामने आए, या धारा 41 के अधीन प्राधिकृत और रजिस्ट्रीकृत अभिकरण या सुविधा तंत्र अभिप्रेत है;
(52) "नातेदार" से. इस अधिनियम के अधीन दत्तक के प्रयोजन के लिए किसी बालक के संबंध में, चाचा या चाची अथवा मामा या मामी अथवा पितामह पितमही या मातामह-मातामही अभिप्रेत है;
(53) राज्य अभिकरण से राज्य सरकार द्वारा धारा 67 के अधीन दत्तकग्रहण और संबंधित मामलों के संबंध में कार्यवाही करने के लिए स्थापित राज्य दत्तकग्रहण स्त्रोत अभिकरण अभिप्रेत है;
(54) 'घोर अपराध' के अंतर्गत ऐसे अपराध आते हैं, जिनके लिए भारतीय दंड संहिता (1860 का 45 ) या तत्समय प्रवृत्त 'किसी अन्य विधि के अधीन अधिकतम दंड तीन से सात वर्ष के बीच के कारावास का है;
(55) “विशेष किशोर पुलिस एकक' से, यथास्थिति, किसी जिले या नगर के पुलिस बल का एकक, बालकों से संबंधित और धारा 107 के अधीन बालकों को संभालने के लिए उस रूप में अभिहित कोई अन्य पुलिस एकक, जैसे रेल पुलिस अभिप्रेत है;
(56) “विशेष "गृह" से किसी राज्य सरकार द्वारा या किसी स्वैच्छिक या गैर-सरकारी संगठन द्वारा विधि का उल्लंघन करने वाले ऐसे बालकों को, जिनके बारे मे जांच के माध्यम से यह पाया जाता है कि उन्होंने अपराध कारित किया है और जिन्हें बोर्ड के आदेश से ऐसी संस्था में भेजा जाता है, आवासन और पुनर्वासन संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्थापित और धारा 48 के अधीन रजिस्ट्रीकृत कोई संस्था अभिप्रेत है;
(57) “विशिष्ठ दत्तकग्रहण अभिकरण से ऐसे अनाथ, परित्यक्त और अभ्यर्पित बालकों के, जिन्हें दत्तकग्रहण के प्रयोजन के लिए समिति के आदेश द्वारा वहां रखा गया है, आवासन के लिए राज्य सरकार द्वारा या किसी स्वैच्छिक या गैर-सरकारी संगठन द्वारा स्थापित और धारा 65 के अधीन मान्यताप्राप्त कोई संस्था अभिप्रेत है;
(58) "प्रवर्तकता से कुटुंबों के लिए, बालक की चिकित्सीय, शैक्षणिक और विकास संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वित्तीय या अन्यथा अनुपूरक सहायता का उपबंध अभिप्रेत है;
(59) "राज्य सरकार' से. किसी संघ राज्यक्षेत्र के संबंध में, संविधान के अनुच्छेद 239 के अधीन राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त उस संघ राज्यक्षेत्र का प्रशासक अभिप्रेत है:
(60) "अभ्यर्पित बालक" से ऐसा बालक अभिप्रेत है. जिसका माता-पिता अथवा संरक्षक द्वारा. ऐसे शारीरिक. भावनात्मक और सामाजिक कारकों के कारण, जो उनके नियंत्रण से परे हैं. समिति को त्यजन कर दिया गया है और समिति द्वारा उस रूप में उसे ऐसा घोषित किया गया है:
(61) उन सभी शब्दों और पदों के, जो इस अधिनियम में प्रयुक्त हैं. किन्तु परिभाषित नहीं हैं और अन्य अधिनियमों में परिभाषित हैं. वही अर्थ होंगे. जो उन अधिनियमों में क्रमशः उनके हैं।

Definitions
In this Act, unless the context otherwise requires-
(1) "abandoned child" means a child abandoned by his biological or adoptive parents or guardian who has been declared abandoned by the Committee after due inquiry;
(2) "adoption" means the process by which an adopted child is permanently separated from his biological parents and becomes the child of his adoptive parents with all rights, privileges and responsibilities that any be attached to the biological child, becomes the legal child;
(3) "adoption regulations" means the regulations framed by the Authority and notified by the Central Government in relation to adoption;
(4) "Administrator" means a District Officer not below the rank of Deputy Secretary of the State who has been conferred with the powers of a Magistrate;
(5) "aftercare" means those persons who have completed the age of eighteen years but have not completed the age of twenty one years and who have left any institutional care to join the main stream of the society; means to provide assistance, financial and otherwise;
(6) “authorised foreign adoption agency” means any foreign, social or child welfare agency which accepts applications for adoption of a child from India by non-resident Indians or overseas Indian citizens or persons of Indian origin or foreign prospective adoptive parents; is authorized by the Central Adoption Bureau on the recommendation of their Central Authority or Government Department of that country to support
(7) “Authority” means the Central Adoption Center Authority constituted under section 68;
(8) "by begging.-
(i) soliciting or receiving alms in any public place or entering any private premises for the purpose of soliciting or receiving alms, under whatever pretext whatsoever;
(ii) for the purpose of obtaining or impressing alms, exposes or exhibits any sore, wound, injury, deformity or disease of himself or of any other person or of any animal,
(9) “best interest of the child” means the basis of any decision taken regarding the child to ensure fulfillment of his fundamental rights and needs, identity, social welfare and physical, emotional and intellectual development;
(10) "Board" means the Juvenile Justice Board constituted under section 4;
(11) “Central Authority” means a Government Department recognized as such under the Hague Convention on Child Protection and Co-operation in respect of Inter-country Adoption (1993);
(12) “child” means a person who has not completed eighteen years of age;
(13) “child in conflict with law” means a child who is alleged or found to have committed an offense and who has not completed eighteen years of age on the date of commission of such offence; Is;
(14) “child in need of care and protection” means a child—
(i) who is found to have no home or fixed abode and who has no visible means of subsistence; either
(ii) who is found to have violated the labor laws for the time being in force or is found begging or living on the street; either
(iii) who resides with any person (whether or not he is the guardian of the child) and such person has,—
(a) has harmed, exploited, abused or neglected the child or violated any other law for the time being in force intended for the protection of the child; either
(b) has made threats to kill, injure, exploit or ill-treat the child and the threat is reasonably likely to be carried out; either
(c) has killed, abused, neglected or exploited any other child or children and the child in question has been killed, abused, exploited by that person or is reasonably likely to be neglected; either
(iv) who is mentally ill or mentally or physically infirm or suffering from fatal or incurable disease, who has no one to support or care or care for or who has a parent or guardian but they are able to take care of him or her; is, if so found by the Board or Committee, to be incapable; either
(v) who has a parent or a guardian and such parent or guardian is found by the Committee or the Board to be unfit or incapable of taking care of the child and safeguarding his safety and welfare; either
(v) who has a parent or a guardian and such parent or guardian is found by the Committee or the Board to be unfit or incapable of taking care of the child and safeguarding his safety and welfare; either
(vi) who has no parents and no one is willing to take care of him or who has been abandoned or surrendered by his parents; either
(vii) who is a missing or run away child or whose parents, in such manner as may be prescribed. could not be found after reasonable inquiry, or
(viii) who has been or is being or is likely to be subjected to sexual abuse, coercion or exploitation for the purpose of illegal acts; either
(ix) who is found to be vulnerable and likely to be involved in drug abuse or trafficking; either
(x) which is being or is likely to be misused for anti-public gain; either
(xi) who is suffering or affected by any armed conflict, civil commotion or natural calamity; either
(xii) who is at imminent risk of marriage before attaining the age of marriage and whose parents and family members, guardians and other persons are likely to be responsible for the solemnization of such marriage;
(15) "child friendly" means any behaviour, conduct, method, procedure, attitude, environment or behavior which is humane, considerate and in the best interest of the child;
(16) "child legally free for adoption" means a child declared as such by the Committee after due inquiry under section 38;
(17) “child welfare officer” means an officer attached to a children's home with such responsibility as may be prescribed to carry out the directions given by the Committee or the Board, as the case may be;
(18) “child welfare police officer” means an officer designated as such under sub-section (1) of section 107;
(19) "children's home" means a children's home established or maintained in every district or group of districts by the State Government, either by itself or through a voluntary or non-Governmental organization and registered as such for the purposes specified in section 50; Is;
(20) "children's court" means a court established under the Commission for Protection of Child Rights Act, 2005 or a special court under the Protection of Children from Sexual Offenses Act, 2012, wherever it exists, and where such courts have not been designated; means the Court of Session having jurisdiction to try offenses under that Act;
(21) "child care institution" means children's home, open shelter, observation home, special home, place of safety, specialized adoption agency and those recognized under this Act for the care and protection of children who are in need of such services; means any reasonable facilitation mechanism;
(22) “Committee” means a Child Welfare Committee constituted under section 27;
(23) “Court” means a Civil Court having jurisdiction in matters of adoption and guardianship and includes District Court, Family Court and City Civil Court;
(24) “corporal punishment” means corporal punishment inflicted by any person on a child which involves willful infliction of pain as retribution for an offense or for the purpose of disciplining or reforming the child:
(25) “child related services” means round-the-clock emergency outreach service for children in distress, which links them to emergency or long-term care and rehabilitation service;
(26) “District Child Protection Unit” means a Child Protection Unit established by the State Government under section 106 for a district to ensure the implementation of this Act and other child protection measures in the district;
(27) “facilitation mechanism” means such facilitation mechanism being run by a Government organization or a registered voluntary or non-governmental organization as may be appropriate for the said purpose, a committee or, as the case may be, under sub-section (1) of section 51; is recognized by the Board;
(28) “fit person” means a person who is prepared to take responsibility of the child for any specified purpose and such person has been identified after inquiry in this behalf and has been appointed for the said purpose, as the case may be; Recognized by the Committee or the Board as fit to receive and care for the child:
(29) “foster care” of a child to any family other than the biological family of the child who has been declared qualified to provide such care, approved and supervised by the Committee; is intended to be kept for the purpose of designed care in a domestic environment;
(30) "foster family" means such family which has been found fit by the District Child Protection Unit to place children for foster care under section 44;
(31) “guardian”, in relation to a child, means his natural guardian or any other person who, in the opinion of the Committee or the Board, as the case may be, has the actual care of the child and who is appointed by the Committee or the Board, as the case may be; has been recognized as guardian during the proceedings;
(32) “group foster care” means a family-like care facility for children in need of care and protection who do not have parental care, which aims to provide individualized care and bonding through family-like and community-based solutions; and to optimize the sense of identity;
(33) "heinous offence" includes such offenses for which the minimum punishment under the Indian Penal Code or any other law for the time being in force is imprisonment of seven years or more;
(34) “inter-country adoption” means adoption of a child from India by a non-resident Indian by a person of Indian origin or by a foreigner;
(35) "juvenile" means a child below the age of eighteen years;
(36) “narcotic drug” and “psychotropic substance” shall have the meanings respectively assigned to them in the Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act, 1985 (61 of 1985);
(37) “no objection certificate”, in relation to inter-country adoption, means a certificate issued by the Central Adoption Resource Authority for the said purpose;
(38) non-resident Indian means a person who holds an Indian passport and is currently residing abroad for more than one year;
(39) “notification” means a notification published in the Gazette of India or, as the case may be, in the Official Gazette of a State and the expression “notified” shall be construed accordingly:
(40) Observation homes established and maintained in each district or group of districts by the State Government itself or through any voluntary or non-governmental organization and registered as such for the purposes specified in sub-section (1) of section 47; house means;
(41) “open shelter for children established and maintained by the State Government under sub-section (1) of section 13 either by itself or through a voluntary or non-governmental organization and registered as such for the purposes specified in that section; facility means;
(42) “orphan” means a child—
(i) does not have a biological or adoptive parent or legal guardian; either
(ii) whose legal guardian is unwilling or unable to take care of the child;
(43) “overseas Indian citizen” means a person registered as such under the Citizens Act, 1955 (57 of 1955);
(44) “person of Indian origin” means a person any of whose lineal ancestors is or was an Indian national and who currently holds a Person of Indian Origin card issued by the Central Government; ;
(45) petty offenses includes offenses for which, under the Indian Penal Code (45 of 1860) or any other law for the time being in force, the maximum punishment is imprisonment for a term which may extend to three months;
(46) any such place or such institution from the place of safety. Which is not a police lockup or jail. is intended. Which has been established separately or which is attached to an observation home or a special home, as the case may be. The person in whose charge the child alleged to be in conflict with law or such children found to be in conflict. (a) the Board or the Children's Court, by order of both, intends to adopt and maintain him during the course of investigation or during continuous rehabilitation after conviction for such period and purpose as may be specified in the order;
(47) prescribed means prescribed by rules made under this Act;
(48) “probation officer” means an officer appointed by the State Government as a probation officer under the Probation of Offenders Act, 1958 (20 of 1958) or a law-cum-probation officer appointed by the State Government under the District Child Protection Unit; is intended;
(49) “prospective adoptive parent” means a person eligible for adoption of a child in accordance with the provisions of section 57;
(50) “public place” shall have the same meaning as assigned to it in the Immoral Traffic (Prevention) Act, 1956 (104 of 1956);
(51) Observation home, special home, place of safety for providing residential care to children on short term or long term basis in the context of registered child care institutions or agencies or facility systems or any voluntary or non-governmental organization under the management of the State Government; children's home, open shelter or specialized adoption agency or any other such institution which may come into existence in response to a specific need, or an agency or facility authorized and registered under section 41;
(52) "relative". in relation to a child for the purpose of adoption under this Act, means uncle or aunt or maternal uncle or maternal aunt or paternal grandfather or maternal grandmother;
(53) “State Agency” means the State Adoption Resource Agency established by the State Government under section 67 to deal with adoption and related matters;
(54) "aggravated offence" includes offenses for which the maximum punishment under the Indian Penal Code (45 of 1860) or any other law for the time being in force is imprisonment of between three and seven years;
(55) “special juvenile police unit” means a unit of the police force of a district or city, as the case may be, dealing with children and any other police unit designated as such under section 107 to handle children, such as the railway police; ;
(56) “special home” includes children in conflict with law established by any State Government or by any voluntary or non-governmental organization who are found through inquiry to have committed an offense and who are referred to such institution by order of the Board, means an institution established for providing housing and rehabilitation services and registered under section 48;
(57) “Special Adoption Agency established by the State Government or any voluntary or non-governmental organization for the accommodation of orphan, abandoned and surrendered children who are placed there by order of the Committee for the purpose of adoption and section means an institution recognized under section 65;
(58) “promotion” means the provision of supplementary support, financial or otherwise, to the families to meet the medical, educational and developmental needs of the child;
(59) “State Government”, in relation to a Union territory, means the Administrator of that Union territory appointed by the President under article 239 of the Constitution:
(60) "surrendered child" means such child. whose parent or guardian. Such physical Due to emotional and social factors, which are beyond their control. The Committee has been relinquished and is declared as such by the Committee:
(61) all words and expressions used in this Act. But are not defined and are defined in other Acts. Will have the same meaning. which belong to them respectively in those Acts.

हमारा प्रयास किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act Section) की धारा 2 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

Leave a Comment