किशोर न्याय अधिनियम JJ Act (Juvenile Justice Act) की धारा -10 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। किशोर न्याय अधिनियम की धारा-10 के अनुसार, जब कोई बच्चा पुलिस द्वारा पकड़ा जाता है, तो उसे कानूनी सहायता के अधिकार और चुप रहने के अधिकार सहित उनके अधिकारों के बारे में तुरंत सूचित किया जाना चाहिए। विधि का उल्लंघन करने वाले अभिकथित बालक की गिरफ्तारी को परिभाषित किया गया है।
पुलिस को बच्चे के माता-पिता या अभिभावक को आशंका के बारे में भी सूचित करना चाहिए और एक चिकित्सा अधिकारी द्वारा बच्चे की जांच कराने की व्यवस्था करनी चाहिए। चिकित्सा अधिकारी को बच्चे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर एक रिपोर्ट देनी होगी, साथ ही बच्चे को गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया जाना चाहिए। बोर्ड यह निर्धारित करने के लिए एक जांच करेगा कि क्या बच्चे को जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए या सुरक्षित स्थान पर भेजा जाना चाहिए।
विधि का उल्लंघन करने वाले अभिकथित बालक की गिरफ्तारी- (1) जैसे ही विधि का उल्लंघन करने वाले अभिकथित बालक को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जाता है तभी ऐसे बालक को विशेष पुलिस बल एकक या अभिहित बाल कल्याण पुलिस अधिकारी के प्रभार के अधीन रखा जाएगा, जो बालक को अविलंब, किंतु उस स्थान से, जहां से ऐसे बालक की गिरफ्तारी हुई थी, यात्रा के लिए आवश्यक समय को छोड़कर गिरफ्तारी के चौबीस घंटे की अवधि के भीतर बोर्ड के समक्ष पेश करेगा : परंतु किसी भी दशा में विधि का उल्लंघन करने वाले अभिकथित बालक को पुलिस हवालात में नहीं रखा जाएगा या जेल में नहीं डाला जाएगा। (2) राज्य सरकार– (i) उन व्यक्तियों के लिए उपबंध करने के लिए जिनके द्वारा (जिसके अंतर्गत रजिस्ट्रीकृत स्वैच्छिक या गैर-सरकारी संगठन भी हैं) विधि का उल्लंघन करने वाले अभिकथित किसी बालक को बोर्ड के समक्ष पेश किया जा सकेगा; (ii) उस रीति का उपबंध करने के लिए, जिससे विधि का उल्लंघन करने वाले अभिकथित बालक को, यथास्थिति, किसी संप्रेक्षण गृह या सुरक्षित स्थान में भेजा जा सकेगा। Apprehension of child alleged to be in conflict with law- (1) As soon as a child alleged to be in conflict with law is apprehended by the police, such child shall be placed under the charge of the special juvenile police unit or the designated child welfare police officer, who shall produce the child before the Board without any loss of time but within a period of twenty-four hours of apprehending the child excluding the time necessary for the journey, from the place where such child was apprehended: Provided that in no case, a child alleged to be in conflict with law shall be placed in a police lockup or lodged in a jail. (2) The State Government shall make rules consistent with this Act- (i) to provide for persons through whom (including registered voluntary or non-governmental organisations) any child alleged to be in conflict with law may be produced before the Board; (ii) to provide for the manner in which the child alleged to be in conflict with law may be sent to an observation home or place of safety, as the case may be.
हमारा प्रयास किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act Section) की धारा 10 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।