आवश्यक वस्तु अधिनियम,1955 (Essential Commodities Act) क्या है | हाल ही में क्या ऐसे संशोधन किए गए?

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नमस्कार दोस्तों आज हम चर्चा करेंगे- आवश्यक वस्तु अधिनियम जिसे हम अंग्रेजी में Essential Commodities Act भी कहते हैं, हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा इसमें महत्वपूर्ण संशोधन किया गया जिससे आने वाले समय खाद्य पदार्थों की पूर्ति कुछ विशेष परिस्थितियों में कैसे और कब लागू होगा ।

ऐसा मौजूदा सरकार द्वारा बदलाव किया जा चुका है। क्योंकि आज हमारा देश में कोविड-19 जैसी घातक महामारी से गुजर रहा है। इसी कारण सरकार द्वारा वर्ष 2020 को पुनः संशोधन किया गया। आज हम इसी बात पे चर्चा करने जा रहे हैं जिसमे आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) क्या है और साथ ही आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) में क्या संशोधन और बदलाव किये गए हैं इसको भी यहाँ शामिल करेंगे और इसकी महत्वपूर्ण जानकारियां भी आपको देंगें।

आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 क्या है ?

केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में बनाया था जिसका उद्देश्य ऐसे खाद्य पदार्थों की पूर्ति हेतु जैसे अनाज, दाल, प्याज, खाद्य तेलहन और तेल इत्यादि केवल असाधारण परिस्थितियों जैसे युद्ध, आकाल, कीमत वृद्धि, गंभीर प्रकृति आपदा भी शामिल है। ऐसी परिस्थितियों में उपरोक्त खाद्य पदार्थों की पूर्ति अथवा नियंत्रित करना सरकार भी फर्ज बनता है। इसी कारण यह कानून बना जिसे हम आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) कहते हैं।

सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम

(Essential Commodities Act) में वर्ष 2020 में कोरोनाकाल में महत्वपूर्ण संशोधन किया गया है जिसमे कुछ वस्तुओं को आवश्यक वस्तु में शामिल किया गया है और कुछ को इस इस कानून से बाहर किया गया है |

आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 (Essential Commodities Act, 1955) में संशोधन 2020

भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 में आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 (Essential Commodities Act, 1955) में संशोधन करते हुए मास्क (2 प्लाई एवं 3 प्लाई सर्जिकल मास्क, एन-95 मास्क) और हैंड सैनिटाइज़र को दिनांक 30 जून, 2020 तक आवश्यक वस्तु के रूप में घोषित किया था, और अब  सितम्बर 2020 में आलू, प्याज, टमाटर, अरहर, उरद, सेहत सभी दाल को और सरसो के साथ सभी तिलहन से भण्डारण की सीमा को समाप्त करने का बिल दोनों सदनों में पारित करवाया। हम सभी जानते हैं कोरोनाकाल में यह सभी वस्तुएं प्रत्येक नागरिकों के लिए कितनी आवश्यक है, इसी प्रकार इन वस्तुओं की पूर्ति कराना अथवा नियंत्रित करना सरकार द्वारा ही निर्धारित किया जा सकता है।

हम सभी जानते है कि ऐसे वक्त में भी यह सभी वस्तुएं सही मूल्य पर ही मिले, कोई किसी व्यक्ति को न लूटे, इसी को देखते हुए सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 (Essential Commodities Act, 1955) में कुछ बदलाव किए है, जिसके चलते उन वस्तुंओं को आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत सूचीबद्ध करती है जिस पर सरकार का नियंत्रण होता है | सरकार इस वस्तु सूची को समय-समय पर बदलाव भी करती रहती है | ऐसी खाद्य पदार्थों की बढ़ोत्तरी एवम् वृद्धि हेतु कृषि के क्षेत्र में निजी निवेश को आकर्षित करना | केंद्र सरकार का मानना है कि संशोधित विधेयक से उत्‍पाद, उत्‍पाद सीमा, आवाजाही, वितरण व आपूर्ति की आजादी मिलेगी और बिक्री की अर्थव्‍यवस्‍था को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे कृषि क्षेत्र में निजी क्षेत्र और विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश आकर्षित होगा |

आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3 और 7 क्या कहती है ?

धारा 3 उपधारा 1 –  यदि केंद्र सरकार का यह विचार हो कि किसी आवश्यक वस्तु की आपूर्ति को बनाये रखने या वस्तु बढ़ाने के लिए या उचित मूल्य पर सामान वितरण और उपलब्धता को बनाये रखने के लिए ऐसा करना आवश्यक या उचित है और भारत की रक्षा के लिए या सैन्य संचालन के कुशल संचालन के लिए किसी आवश्यक वस्तु की प्राप्ति करने लिए ऐसा करना आवश्यक या उचित है, तो केंद्र सरकार आदेश द्वारा वस्तु के उत्पादन आपूर्ति और वितरण तथा उसमे व्यापर और वाणिज्यक को नियमित या प्रतिषेध के लिए प्रावधान कर सकेगी।

धारा 3 उपधारा 2 –  उपधारा 1 में दी गयी शक्तियों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव दाले बिना, एक आदेश द्वारा निम्नलिखित प्रावधान किया जा सकेगा :-

(क) :-  किसी आवश्यक वस्तु के उत्पादन या विनिर्माण के लिए लाइसेंस परमिट द्वारा या अन्यथा विनियमन के लिए प्रावधान,

(ख):- किसी बंजर भूमि या कृषि भूमि को, चाहे वह किसी भवन से जुडी हो या न हो उस पर सामान्यतः खाद्य फसलों या विनिर्दिष्ट फसलों को उगने के लिए खेती के अधीन लाना और सामान्यतः फसलों और विनिर्दिष्ट खाद्य फसलों की खेती को बनाये रखने या बढ़ाये रखने के लिए प्रावधान किये जा सकेंगे,

(ग):-  ऐसी कीमत नियंत्रित करना जिस पर किसी आवश्यक वस्तु को ख़रीदा या बेचा जा सकेगा,

(घ) :- किसी आवश्यक वस्तु के भंडारण ,परिवहन, वितरण, उपयोग, प्राप्ति, प्रयोग या उपभोग का लाइसेंस, परमिट द्वारा अन्यथा विनियमन,

(ड.) :- समान्तयः बेचे जाने के लिए रखी गयी किसी आवश्यक वस्तु को बेचने से रोकने के पर प्रतिबनध लगाना,

(च):- किसी व्यक्ति से , जो किसी आवश्यक वस्तु को स्टाक में रखता है व उसके उत्पादन में या उसे बेचने या खरीदने के कारोबार में लगा हुआ है, यह उम्मीद करना कि वह :-

(क) :- उस सम्पूर्ण मात्रा या उसके विनिर्दिष्ट भाग का, जिसे वह स्टाक में रखता है या जिसका उसने उत्पादन किया हुआ या जिसे वह प्राप्त करता है, उस उत्पादन की बिक्री करेगा,
(ख़):- किसी ऐसी वस्तु की दशा में , जिसका वह सम्भवतः उत्पादन करेगा या जिसे सम्भवतः प्राप्त करेगा, उसके द्वारा उत्पादन या प्राप्त करने पर उस सम्पूर्ण वस्तु या उसके विनिर्दिष्ट भाग की बिक्री करेगा।
     
आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 7 दंड का प्रावधान करती है, यदि कोई व्यक्ति धारा 3 के अधीन किये गए  किसी भी आदेश का उल्लंघन करता है या करेगा, तो वह दण्डित किया जायेगा।

आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्यवाही का प्रावधान।

आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत ऐसे आवश्यक वस्तु की कालाबाजारी अथवा मूल्य में परिवर्तन अथवा जो भी कोई इसका उल्लंघन करेगा वह व्यक्ति को 7 वर्ष का कारावास अथवा जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है तथा काला बाजारी, महंगाई जैसा कृत्य करेगा, आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम के तहत उसे अधिकतम 6 माह के लिये नजरबंद भी किया जा सकता है।

आवश्यक वस्तु (Essential Commodities) सूची श्रेणीवार-

आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955, की धारा 2 उपखण्ड (क) के अंतर्गत 7 बड़ी चीजों को आवश्यक वस्तुओं की सूची में डाला गया है –

औषधि
उर्वरक – कार्बनिक, अकार्बनिक या मिश्रित हो,
खाद्य पदार्थ जिसके अंतर्गत खाद्य :- दाल, चावल, गेंहूं, गन्ना, गुड़, चीनी, तेल और तिलहन शामिल है। (सितंबर 2020 से संशोधित बिल द्वारा अब हटा दिया गया है।)
पूर्णयता कपास से बना अट्टु सूत
पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पाद
कच्चा जूट और जूट टेक्सटाइल
खाद्य फसलों के बीज और फलो तथा वनस्पतियों की बीज, पशु चारे के बीज, जूट और कपास के बीज

समय समय पर सरकार देश की परिस्थित के अनुसार इन 7 आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में अन्य आवश्यक वस्तुओं को जोड़ भी सकती और हटा ही सकती है। हाल ही में देश विदेश में फैली कोरोना वायरस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए इस सूची में दो वस्तुओ को आवश्यक वस्तुओ की सूची में जोड़ा गया ;-

सैनिटाइजर
मास्क

शिकायत कैसे दर्ज कराएं ?

केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा को उपरोक्त वस्तुओं की शिकायत दर्ज कराने के लिए हेल्पलाइन भी जारी किया है। और यदि कोई आपसे किसी वस्तु का ज्यादा दाम वसूलता है या जमाखोरी करता है तो आप इसकी शिकायत नैशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर 1800-11-4000 पर कर सकते हैं। ऑनलाइन शिकायत विभागीय वेबसाइट www.consumerhelpline.gov.in पर की जा सकती है।

हमारा प्रयास आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act, 1955) की पूर्ण जानकारी और कोरोना काल में क्या बदलाव किए गए थे इत्यादि जानकारी आप तक प्रदान करने का है, अगर आपके पास कोई सवाल हो,तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है ।

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