कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-117 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 117 के अनुसार यदि कोई कंपनी, धारा 403 के अधीन विनिर्दिष्ट अवधि की समाप्ति से पूर्व अतिरिक्त फीस के साथ, उपधारा के अधीन संकल्प या करार फाइल करने में असफल रहेगी, तो कम्पनी ऐसे जुर्माने से, जो पांच लाख रुपए से कम का नहीं होगा, किंतु जो पच्चीस लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगी, जिसे Companies Act Section-117 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
IMPORTANT HIGHLIGHT
कंपनी अधिनियम की धारा 117 (Companies Act Section-117) का विवरण
कंपनी अधिनियम की धारा 117 Companies Act Section-117 के अनुसार यदि कोई कंपनी, धारा 403 के अधीन विनिर्दिष्ट अवधि की समाप्ति से पूर्व अतिरिक्त फीस के साथ, उपधारा के अधीन संकल्प या करार फाइल करने में असफल रहेगी, तो कम्पनी ऐसे जुर्माने से, जो पांच लाख रुपए से कम का नहीं होगा, किंतु जो पच्चीस लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगी।
कंपनी अधिनियम की धारा 117 (Companies Act Section-117 in Hindi)
संकल्पों और करारों का फाइल किया जाना-
(1) उपधारा (3) में विनिर्दिष्ट विषयों के संबंध में, धारा 102 के अधीन स्पष्टीकारक कथन के साथ, यदि कोई हो, उस अधिवेशन के, जिसमें संकल्प प्रस्तावित है, बुलाए जाने की सूचना के साथ संलग्न, प्रत्येक संकल्प और किसी करार की एक प्रति, उसके पारित किए जाने या करार किए जाने के तीस दिन के भीतर धारा 403 के अधीन विनिर्दिष्ट समय के भीतर ऐसी फीस के साथ, और ऐसी रीति में, जो विहित की जाए. रजिस्ट्रार के पास फाइल की जाएगीः
परन्तु ऐसे प्रत्येक संकल्प की प्रति, जो अनुच्छेदों को परिवर्तित करने का प्रभाव रखती है और उपधारा (3) में निर्दिष्ट प्रत्येक करार की प्रति, संकल्प को पारित करने या करार करने के पश्चात् जारी अनुच्छेदों की प्रत्येक प्रति में सन्निहित या उपाबद्ध किए जाएंगे ।
(2) यदि कोई कंपनी, धारा 403 के अधीन विनिर्दिष्ट अवधि की समाप्ति से पूर्व अतिरिक्त फीस के साथ, उपधारा के अधीन संकल्प या करार फाइल करने में असफल रहेगी, तो कम्पनी ऐसे जुर्माने से, जो पांच लाख रुपए से कम का नहीं होगा, किंतु जो पच्चीस लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगी। किसी कंपनी का प्रत्येक ऐसा अधिकारी, जिसके अन्तर्गत कम्पनी का समापक भी है, यदि कोई हो, जो व्यतिक्रमी है. ऐसे जुर्माने से, जो एक लाख रुपए से कम का नहीं होगा, किन्तु जो पांच लाख रुपए तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा।
(3) यह धारा निम्नलिखित को लागू होगी. –
(क) विशेष संकल्प
(ख) ऐसे संकल्प, जिन पर किसी कंपनी के सभी सदस्यों द्वारा सहमति हो चुकी है किन्तु यदि ऐसी सहमति नहीं है तो वे उनके प्रयोजन के लिए प्रभावी नहीं होंगे जब तक कि वे विशेष संकल्पों के रूप में पारित नहीं किए गए थे;
(ग) किसी प्रबंध निदेशक की नियुक्ति, पुनर्नियुक्ति या नियुक्ति के नवीकरण या नियुक्ति के निबंधनों के सत्यापन से संबंधित किसी कंपनी के निदेशक बोर्ड का कोई संकल्प या कंपनी द्वारा निष्पादित करार;
(घ) ऐसे संकल्प या करार जिन पर शेयर धारकों के किसी वर्ग द्वारा सहमति हुई है किंतु जिन पर यदि ऐसी सहमति नहीं होती तो वे उनके प्रयोजनों के लिए तब तक प्रभावी नहीं होते जब तक कि उनका किसी विनिर्दिष्ट बहुमत द्वारा या अन्यथा किसी विशिष्ट रीति से पारित न किए गए हों; और ऐसे सभी संकल्प या करार जिन पर यद्यपि उन पर सभी सदस्य सहमत न हो, सदस्यों के ऐसे वर्ग को प्रभावी रूप से आबद्धकर बनाते हैं;
(ङ) धारा 180 की उपधारा (1) के खंड (क) और खंड (ग) के अधीन शक्तियों में से किन्हीं शक्तियों का उसके निदेशक बोर्ड द्वारा प्रयोग करने की सहमति के अनुसार किसी कंपनी द्वारा पारित संकल्पः
(च) धारा 304 के अनुसरण में पारित स्वेच्छा से परिसमापन करने हेतु ऐसी किसी कंपनी के लिए अपेक्षित संकल्प:
(छ) धारा 179 की उपधारा (3) के अनुसरण में पारित संकल्प; और
(ज) कोई अन्य संकल्प या करार जो विहित किया जाए तथा जनता के अधिकार क्षेत्र में रखा जाए।
Companies Act Section-117 (Company Act Section-117 in English)
Resolutions and agreements to be filed-
(1) A copy of every resolution or any agreement, in respect of matters specified in sub-section (3) together with the explanatory statement under section 102, if any, annexed to the notice calling the meeting in which the resolution is proposed, shall be filed with the Registrar within thirty days of the passing or making thereof in such manner and with such fees as may be prescribed within the time specified under section 403:
Provided that the copy of every resolution which has the effect of altering the articles and the copy of every agreement referred to in sub-section (3) shall be embodied in or annexed to every copy of the articles issued after passing of the resolution or making of the agreement.
(2) If a company fails to file the resolution or the agreement under sub-section (1) before the expiry of the period specified under section 403 with additional fees, the company shall be punishable with fine which shall not be less than five lakh rupees but which may extend to twenty-five lakh rupees and every officer of the company who is in default, including liquidator of the company, if any, shall be punishable with fine which shall not be less than one lakh rupees but which may extend to five lakh rupees.
(3) The provisions of this section shall apply to—
(a) special resolutions;
(b) resolutions that have been agreed to by all the members of a company, but which, if not so agreed to, would not have been effective for their purpose unless they had been passed as special resolutions;
(c) any resolution of the Board of Directors of a company or agreement executed by a company, relating to the appointment, re-appointment or renewal of the appointment, or variation of the terms of appointment, of a managing director;
(d) resolutions or agreements which have been agreed to by any class of members but which, if not so agreed to, would not have been effective for their purpose unless they had been passed by a specified majority or otherwise in some particular manner; and all resolutions or agreements which effectively bind such class of members though not agreed to by all those members;
(e) resolutions passed by a company according to consent to the exercise by its Board of Directors of any of the powers under clause (a) and clause (c) of sub-section (1) of section 180;
(f) resolutions requiring a company to be wound up voluntarily passed in pursuance of section 304;
(g) resolutions passed in pursuance of sub-section (3) of section 179: 1***
[Provided that no person shall be entitled under section 399 to inspect or obtain copies of such resolutions; and]
(h) any other resolution or agreement as may be prescribed and placed in the public domain.
हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 117 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स मे कमेंट करके पूछ सकते है।