कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-141 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 141 के अनुसार कोई व्यक्ति, किसी कंपनी के संपरीक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए केवल तभी पात्र होगा, यदि वह चार्टर्ड अकाउंटेंट है, परन्तु कोई ऐसी फर्म जिसके भारत में व्यवसायरत अधिकतर भागीदारों को, जो पूर्वोक्त रूप में नियुक्ति के लिए अर्हित हैं, उनकी फर्म के नाम से कंपनी का संपरीक्षक नियुक्त किया जा सकेगा, जिसे Companies Act Section-141 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
IMPORTANT HIGHLIGHT
कंपनी अधिनियम की धारा 141 (Companies Act Section-141) का विवरण
कंपनी अधिनियम की धारा 141 Companies Act Section-141 के अनुसार कोई व्यक्ति, किसी कंपनी के संपरीक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए केवल तभी पात्र होगा, यदि वह चार्टर्ड अकाउंटेंट है, परन्तु कोई ऐसी फर्म जिसके भारत में व्यवसायरत अधिकतर भागीदारों को, जो पूर्वोक्त रूप में नियुक्ति के लिए अर्हित हैं, उनकी फर्म के नाम से कंपनी का संपरीक्षक नियुक्त किया जा सकेगा।
कंपनी अधिनियम की धारा 141 (Companies Act Section-141 in Hindi)
संपरीक्षकों की पात्रता, अर्हतायें और निरर्हतायें-
(1) कोई व्यक्ति, किसी कंपनी के संपरीक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए केवल तभी पात्र होगा, यदि वह चार्टर्ड अकाउंटेंट है :
परन्तु कोई ऐसी फर्म जिसके भारत में व्यवसायरत अधिकतर भागीदारों को, जो पूर्वोक्त रूप में नियुक्ति के लिए अर्हित हैं, उनकी फर्म के नाम से कंपनी का संपरीक्षक नियुक्त किया जा सकेगा।
(2) जहां किसी फर्म, जिसके अन्तर्गत सीमित दायित्व भागीदारी भी है, की किसी कंपनी के संपरीक्षक के रूप में नियुक्ति की जाती है, वहां केवल वे भागीदार जो व्यवसायरत चार्टर्ड अकाउंटेंट है, फर्म की ओर से कार्य करने और हस्ताक्षर करने के लिए प्राधिकृत होंगे।
(3) निम्नलिखित व्यक्ति किसी कंपनी के संपरीक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होंगे, अर्थात् :-
(क) सीमित दायित्व भागीदारी अधिनियम, 2008 के अधीन रजिस्ट्रीकृत सीमित दायित्व भागीदारी से भिन्न कोई निगमित निकाय;
(ख) कंपनी का कोई अधिकारी या कर्मचारी; (ग) ऐसा कोई व्यक्ति, जो भागीदार है या जो कंपनी के किसी अधिकारी या कर्मचारी के नियोजन में है;
(घ) ऐसा कोई व्यक्ति, जो स्वयं या उसका नातेदार या भागीदार-
(1) कंपनी या उसकी मेनुषंगी की या उसकी नियंत्री या सहयुक्त कंपनी की या ऐसी नियंत्री कंपनी की किसी समनुषंगी में कोई प्रतिभूति धारण करता है या उसमें हित रखता है:
परंतु नातेदार, कंपनी में एक हजार रुपए से अधिक अंकित मूल्य के या ऐसी रकम, जो विहित की जाए की प्रतिभूति या हित रख सकेगा:
(ii) कंपनी या उसकी समनुषंगी का या उसकी नियंत्री या सहयुक्त कंपनी का या ऐसी नियंत्री कंपनी की किसी समनुषंगी का ऐसी रकम से अधिक का, जो विहित की जाए, ऋणी है; या
(iii) उसने कंपनी या उसकी समनुषंगी को या उसकी नियंत्री या सहयुक्त कंपनी को या ऐसी नियंत्री कंपनी की किसी समनुषंगी को ऐसी रकम के लिए, जो विहित की जाए, किसी तीसरे व्यक्ति की ऋणग्रस्तता के संबंध में कोई गारंटी दी है या कोई प्रतिभूति प्रदान की है;
(ड़) ऐसा कोई व्यक्ति या कोई फर्म, जिसका कंपनी, या उसकी समनुषंगी के साथ या नियंत्री या सहयुक्त कंपनी या नियंत्री ऐसी नियंत्री कंपनी या सहयुक्त कंपनी की समनुषंगी के साथ प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से ऐसी प्रकृति का जो विहित की जाए. कोई कारोबारी संबंध है:
(च) कोई ऐसा व्यक्ति, जिसका नातेदार, निदेशक या मुख्य प्रबंधकीय कार्मिक के रूप में कंपनी के नियोजन में है;
(छ) कोई ऐसा व्यक्ति, जो कहीं और पूर्णकालिक नियोजन में है अथवा कोई ऐसा व्यक्ति या किसी फर्म का कोई भागीदार, जो उसके संपरीक्षक के रूप में नियुक्ति धारण कर रहा है, यदि ऐसा व्यक्ति या भागीदार ऐसी नियुक्ति या पुनर्नियुक्ति की तारीख को बीस से अधिक कंपनियों के संपरीक्षक के रूप में नियुक्ति धारण कर रहा हो;
(ज) कोई ऐसा व्यक्ति, जिसे किसी न्यायालय द्वारा किसी ऐसे अपराध के लिए जिसमें कपट अन्तर्वलित है, सिद्धदोष ठहराया गया है और ऐसी दोषसिद्धि की तारीख से दस वर्ष की अवधि नहीं बीती है:
(झ) कोई ऐसा व्यक्ति, जिसकी समनुषंगी या सहयुक्त कंपनी या अस्तित्व का कोई अन्य रूप जो धारा 144 में यथाउपबंधित परामर्शी और विशिष्ट सेवाओं में नियुक्ति की तारीख को लगा हुआ है ।
(4) जहां, किसी कंपनी के संपरीक्षक के रूप में नियुक्त कोई व्यक्ति अपनी नियुक्ति के पश्चात् उपधारा (3) में वर्णित निरर्हताओं में से कोई निरर्हता उपगत करता है, वहां वह ऐसे संपरीक्षक के रूप में अपना पद रिक्त कर देगा और ऐसी रिक्ति, संपरीक्षक के पद पर आकस्मिक रिक्ति समझी जाएगी।
Companies Act Section-141 (Company Act Section-141 in English)
Eligibility, qualifications and disqualifications of auditors–
(1) A person shall be eligible for appointment as an auditor of a company only if he is a chartered accountant:
Provided that a firm whereof majority of partners practicing in India are qualified for appointment as aforesaid may be appointed by its firm name to be auditor of a company.
(2) Where a firm including a limited liability partnership is appointed as an auditor of a company, only the partners who are chartered accountants shall be authorised to act and sign on behalf of the firm.
(3) The following persons shall not be eligible for appointment as an auditor of a company, namely:—
(a) a body corporate other than a limited liability partnership registered under the Limited Liability Partnership Act, 2008 (6 of 2009);
(b) an officer or employee of the company;
(c) a person who is a partner, or who is in the employment, of an officer or employee of the company;
(d) a person who, or his relative or partner—
(i) is holding any security of or interest in the company or its subsidiary, or of its holding or associate company or a subsidiary of such holding company:
Provided that the relative may hold security or interest in the company of face value not exceeding one thousand rupees or such sum as may be prescribed;
(ii) is indebted to the company, or its subsidiary, or its holding or associate company or a subsidiary of such holding company, in excess of such amount as may be prescribed; or
(iii) has given a guarantee or provided any security in connection with the indebtedness of any third person to the company, or its subsidiary, or its holding or associate company or a subsidiary of such holding company, for such amount as may be prescribed;
(e) a person or a firm who, whether directly or indirectly, has business relationship with the company, or its subsidiary, or its holding or associate company or subsidiary of such holding company or associate company of such nature as may be prescribed;
(f) a person whose relative is a director or is in the employment of the company as a director or key managerial personnel;
(g) a person who is in full time employment elsewhere or a person or a partner of a firm holding appointment as its auditor, if such persons or partner is at the date of such appointment or reappointment holding appointment as auditor of more than twenty companies;
(h) a person who has been convicted by a court of an offence involving fraud and a period of ten years has not elapsed from the date of such conviction;
(i) any person whose subsidiary or associate company or any other form of entity, is engaged as on the date of appointment in consulting and specialised services as provided in section 144.
(4) Where a person appointed as an auditor of a company incurs any of the disqualifications mentioned in sub-section (3) after his appointment, he shall vacate his office as such auditor and such vacation shall be deemed to be a casual vacancy in the office of the auditor.
हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 141 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स मे कमेंट करके पूछ सकते है।