कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-53 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 53 के अनुसार कोई कंपनी इस धारा के उपबंधों का उल्लंघन करती है, वहां कंपनी जुर्माने से, जो एक लाख रुपए से अन्यून का नहीं होगा, किन्तु जो पांच लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगी और ऐसा प्रत्येक अधिकारी, जो व्यतिक्रमी है, ऐसी अवधि के कारावास से, जो छह मास तक की हो सकेगी, जिसे Companies Act Section-53 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
IMPORTANT HIGHLIGHT
कंपनी अधिनियम की धारा 53 (Companies Act Section-53) का विवरण
कंपनी अधिनियम की धारा 53 Companies Act Section-53 के अनुसार कोई कंपनी इस धारा के उपबंधों का उल्लंघन करती है, वहां कंपनी जुर्माने से, जो एक लाख रुपए से अन्यून का नहीं होगा, किन्तु जो पांच लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगी और ऐसा प्रत्येक अधिकारी, जो व्यतिक्रमी है, ऐसी अवधि के कारावास से, जो छह मास तक की हो सकेगी।
कंपनी अधिनियम की धारा 53 (Companies Act Section-53 in Hindi)
शेयरों के निर्गमन पर प्राप्त प्रीमियम का उपयोजन–
(1) धारा 54 में यथा उपबंधित के सिवाय, कोई कंपनी बट्टे पर शेयरों का निर्गमन नहीं करेगी।
(2) किसी कंपनी द्वारा बट्टे कीमत पर जारी किया गया कोई शेयर शून्य होगा ।
(3) जहां कोई कंपनी इस धारा के उपबंधों का उल्लंघन करती है, वहां कंपनी जुर्माने से, जो एक लाख रुपए से अन्यून का नहीं होगा, किन्तु जो पांच लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगी और ऐसा प्रत्येक अधिकारी, जो व्यतिक्रमी है, ऐसी अवधि के कारावास से, जो छह मास तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो एक लाख रुपए से अन्यून का नहीं होगा, किन्तु जो पांच लाख रुपए तक का हो सकेगा या दोनों से, दंडनीय होगा।
Companies Act Section-53 (Company Act Section-53 in English)
Prohibition on issue of shares at discount–
(1) Except as provided in section 54, a company shall not issue shares at a discount.
(2) Any share issued by a company at a discounted price shall be void.
(3) Where a company contravenes the provisions of this section, the company shall be punishable with a fine which shall not be less than one lakh rupees but which may extend to five lakh rupees and every officer who is in default shall be punishable with imprisonment for a term which may extend to six months or with fine which shall not be less than one lakh rupees but which may extend to five lakh rupees, or with both.
हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 53 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।