कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-52 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 52 के अनुसार कोई कंपनी किसी प्रीमियम पर, चाहे नकद के लिए या अन्यथा, शेयर जारी करती है, वहां उन शेयरों पर प्राप्त प्रीमियमों की कुल रकम के बराबर राशि “प्रतिभूति प्रीमियम खाते” में अंतरित की जाएगी और किसी कंपनी की शेयर पूंजी की कमी से संबंधित इस अधिनियम के उपबंध, इस धारा में यथा उपबंधित के सिवाय इस प्रकार लागू होंगे, मानो शेयर प्रीमियम खाता कंपनी की समादत्त शेयर पूंजी हो, जिसे Companies Act Section-52 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
IMPORTANT HIGHLIGHT
कंपनी अधिनियम की धारा 52 (Companies Act Section-52) का विवरण
कंपनी अधिनियम की धारा 52 Companies Act Section-52 के अनुसार कोई कंपनी किसी प्रीमियम पर, चाहे नकद के लिए या अन्यथा, शेयर जारी करती है, वहां उन शेयरों पर प्राप्त प्रीमियमों की कुल रकम के बराबर राशि “प्रतिभूति प्रीमियम खाते” में अंतरित की जाएगी और किसी कंपनी की शेयर पूंजी की कमी से संबंधित इस अधिनियम के उपबंध, इस धारा में यथा उपबंधित के सिवाय इस प्रकार लागू होंगे, मानो शेयर प्रीमियम खाता कंपनी की समादत्त शेयर पूंजी हो।
कंपनी अधिनियम की धारा 52 (Companies Act Section-52 in Hindi)
शेयरों के निर्गमन पर प्राप्त प्रीमियम का उपयोजन–
(1) जहां कोई कंपनी किसी प्रीमियम पर, चाहे नकद के लिए या अन्यथा, शेयर जारी करती है, वहां उन शेयरों पर प्राप्त प्रीमियमों की कुल रकम के बराबर राशि “प्रतिभूति प्रीमियम खाते” में अंतरित की जाएगी और किसी कंपनी की शेयर पूंजी की कमी से संबंधित इस अधिनियम के उपबंध, इस धारा में यथा उपबंधित के सिवाय इस प्रकार लागू होंगे, मानो शेयर प्रीमियम खाता कंपनी की समादत्त शेयर पूंजी हो।
(2) उपधारा (1) में किसी बात के होते हुए भी, कंपनी द्वारा शेयर प्रीमियम खाता निम्नलिखित के संबंध में उपयोजित किया जा सकेगा,
(क) कंपनी के सदस्यों को पूर्ण रूप से संदत्त बोनस शेयरों के रूप में जारी न किए गए कंपनी के शेयरों के निर्गमन के प्रति;
(ख) कंपनी के प्रारंभिक व्ययों को अपलिखत करने में:
(ग) कंपनी के शेयरों या डिबेंचरों के किसी निर्गमन के व्ययों या संदत्त कमीशन या अनुज्ञात बट्टे को अपलिखित करने में
(घ) कंपनी के किसी मोचनीय अधिमानी शेयरों या किन्हीं डिबेंचरों के मोचन पर संदेय प्रीमियम के लिए उपबंध करने में;
(ङ) धारा 68 के अधीन अपने शेयरों या अन्य प्रतिभूतियों के क्रय के लिए । (3) प्रतिभूति प्रीमियम लेखा का, उपधारा (1) और उपधारा (2) में किसी बात के होते हुए भी कंपनियों के ऐसे वर्ग द्वारा उपयोग किया जा सकेगा, जो विहित की जाएं और जिनके वित्तीय विवरण निम्नलिखित के लिए अधिनियम की धारा 133 के अधीन ऐसे वर्ग की कंपनियों के लिए विहित लेखा मानकों के अनुपालन में हैं,
(क) पूर्णतः संदत्त बोनस शेयरों के रूप में कंपनी के सदस्यों को जारी किए जाने वाले कंपनी के जारी न किए गए साधारण शेयरों का संदाय करने के लिए; या
. (ख) कंपनी के साधारण शेयरों के किसी निर्गम के व्यय या उस पर संदत्त कमीशन या अनुज्ञात बट्टे को अपलिखित करने के लिए; या
(ग) धारा 68 के अधीन अपने स्वयं के शेयरों या अन्य प्रतिभूतियों को क्रय . करने के लिए।
Companies Act Section-52 (Company Act Section-52 in English)
Application of premiums received on issue of shares–
(1) Where a company issues shares at a premium, whether for cash or otherwise, a sum equal to the aggregate amount of the premium received on those shares shall be transferred to a ―securities premium account‖ and the provisions of this Act relating to the reduction of the share capital of a company shall, except as provided in this section, apply as if the securities premium account were the paid-up share capital of the company.
(2) Notwithstanding anything contained in sub-section (1), the securities premium account may be applied by the company—
(a) towards the issue of unissued shares of the company to the members of the company as fully paid bonus shares;
(b) in writing off the preliminary expenses of the company;
(c) in writing off the expenses of, or the commission paid or discount allowed on, any issue of shares or debentures of the company;
(d) in providing for the premium payable on the redemption of any redeemable preference shares or of any debentures of the company; or
(e) for the purchase of its own shares or other securities under section 68.
(3) The securities premium account may, notwithstanding anything contained in sub-section (1) and (2), be applied by such class of companies, as may be prescribed and whose financial statement comply with the accounting standards prescribed for such class of companies under section 133,—
(a) in paying up unissued equity shares of the company to be issued to members of the company as fully paid bonus shares; or
(b) in writing off the expenses of or the commission paid or discount allowed on any issue of equity shares of the company; or
(c) for the purchase of its own shares or other securities under section 68.
हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 52 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।