कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-86 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 86 के अनुसार यदि कोई कंपनी इस अध्याय के किसी उपबंध का उल्लंघन करेगी, तो कंपनी ऐसे जुर्माने से, जो एक लाख रुपए से कम का न होगा, किन्तु जो दस लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा, जिसे Companies Act Section-86 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
IMPORTANT HIGHLIGHT
कंपनी अधिनियम की धारा 86 (Companies Act Section-86) का विवरण
कंपनी अधिनियम की धारा 86 Companies Act Section-86 के अनुसार यदि कोई कंपनी इस अध्याय के किसी उपबंध का उल्लंघन करेगी, तो कंपनी ऐसे जुर्माने से, जो एक लाख रुपए से कम का न होगा, किन्तु जो दस लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा।
कंपनी अधिनियम की धारा 86 (Companies Act Section-86 in Hindi)
उल्लंघन के लिए दंड–
यदि कोई कंपनी इस अध्याय के किसी उपबंध का उल्लंघन करेगी, तो कंपनी ऐसे जुर्माने से, जो एक लाख रुपए से कम का न होगा, किन्तु जो दस लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगी और कंपनी का ऐसा प्रत्येक अधिकारी, जो व्यतिक्रम करता है, ऐसी अवधि के कारावास से, जो छह मास तक का हो सकेगा या जुर्माने से, जो पच्चीस हजार रुपए से कम का नहीं होगा, किन्तु जो एक लाख रुपए तक का हो सकेगा या दोनों से, दंडनीय होगा।
Companies Act Section-86 (Company Act Section-86 in English)
Punishment for contravention–
If any company contravenes any provision of this Chapter, the company shall be punishable with a fine which shall not be less than one lakh rupees but which may extend to ten lakh rupees and every officer of the company who is in default shall be punishable with imprisonment for a term which may extend to six months or with fine which shall not be less than twenty-five thousand rupees but which may extend to one lakh rupees, or with both.
हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 86 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स मे कमेंट करके पूछ सकते है।