नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 103 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 103 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 103 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 103 के अन्तर्गत कोई भी मजिस्ट्रेट किसी स्थान की, जिसकी तलाशी के लिए वह तलाशी-वारण्ट जारी करने के लिए सक्षम है, अपनी उपस्थिति में तलाशी किए जाने का निर्देश दे सकता है, यह धारा 103 के ऐसे मामलो में मजिस्ट्रेट तलाशी वारंट के लिए सक्षम है, अपनी उपस्थिति में तलाशी कर सकता है अथवा निर्देश दे सकते है ।
जब कोई मजिस्ट्रेट किसी मामले में जांच हेतु किसी भी स्थान की किसी भी समय तलाशी-वारण्ट जारी करने के लिए सक्षम है, यह CrPC की धारा 103 के अंतर्गत ऐसे मजिस्ट्रेट को किसी भी मामले में जिसे जांच हेतु आवश्यकता है, उस स्थान का तलाशी वारंट अपनी उपस्थिति में तलाशी कर सकते है अथवा अपनी उपस्थिति में भी निर्देश भी दे सकते है।
सीआरपीसी की धारा 103 के अनुसार
मजिस्ट्रेट अपनी उपस्थिति में तलाशी ली जाने का निदेश दे सकता है-
कोई मजिस्ट्रेट किसी स्थान की, जिसकी तलाशी के लिए वह तलाशी-वारण्ट जारी करने के लिए सक्षम है, अपनी उपस्थिति में तलाशी ली जाने का निदेश दे सकता है।
Magistrate may direct search in his presence-
Any Magistrate may direct a search to be made in his presence of any place for the search of which he is competent to issue a search-warrant.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 103 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।