सीआरपीसी की धारा 159 | अन्वेषण या प्रारम्भिक जांच करने की शक्ति | CrPC Section- 159 in hindi| Power to hold investigation or preliminary inquiry.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 159 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 159 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 159 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 159 के अन्तर्गत ऐसा मजिस्ट्रेट, जिसे ऐसी रिपोर्ट प्राप्त हुई जिसे देखकर उसे ऐसा प्रतीत होता है कि पुनः इस मामले में अन्वेषण (जांच) की अवश्यकता है, तो आदेश दे सकता है, या यदि वह ठीक समझे तो वह इस संहिता में उपबंधित रीति से मामले की प्रारम्भिक जांच करने के लिए या उसको अन्यथा निपटाने के लिए तुरन्त कार्यवाही कर सकता है, या अपने अधीनस्थ किसी मजिस्ट्रेट को कार्यवाही करने के लिए प्रतिनियुक्त कर सकता है।

सीआरपीसी की धारा 159 के अनुसार

अन्वेषण या प्रारम्भिक जांच करने की शक्ति-

ऐसा मजिस्ट्रेट ऐसी रिपोर्ट प्राप्त होने पर अन्वेषण के लिए आदेश दे सकता है, या यदि वह ठीक समझे तो वह इस संहिता में उपबंधित रीति से मामले की प्रारम्भिक जांच करने के लिए या उसको अन्यथा निपटाने के लिए तुरन्त कार्यवाही कर सकता है, या अपने अधीनस्थ किसी मजिस्ट्रेट को कार्यवाही करने के लिए प्रतिनियुक्त कर सकता है।

Power to hold investigation or preliminary inquiry-
Such Magistrate, on receiving such report, may direct an investigation, or, if he thinks fit, at once proceed, or depute any Magistrate subordinate to him to proceed, to hold a preliminary inquiry into, or otherwise to dispose of, the case in the manner provided in this Code.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 159 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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